ब्लूस्मार्ट कैब विवाद: जग्गी ब्रदर्स पर उठे सवाल
Gyanhigyan April 18, 2025 04:42 AM
ब्लूस्मार्ट कैब और Gensol Engineering Limited का विवाद

ब्लूस्मार्ट कैब और Gensol Engineering Limited से जुड़े अनमोल सिंह जग्गी और पुनीत सिंह जग्गी का मामला इन दिनों इंटरनेट पर चर्चा का विषय बना हुआ है। लोग सोशल मीडिया पर यह सवाल कर रहे हैं कि क्या व्यापार में ईमानदारी और धन का सही उपयोग हो रहा है या नहीं।

जग्गी ब्रदर्स के खिलाफ कार्रवाई
यह विवाद तब बढ़ा जब सेबी ने GEL और उसके मालिकों, जग्गी ब्रदर्स के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की। सेबी का आरोप है कि उन्होंने कंपनी के फंड का दुरुपयोग किया और व्यक्तिगत जरूरतों के लिए कंपनी के पैसे का इस्तेमाल किया।

मामले का विवरण
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, सेबी ने खुलासा किया है कि अनमोल सिंह जग्गी ने जेनसोल कंपनी से 25.76 करोड़ रुपये अपने निजी खातों और कुछ संबंधित कंपनियों में ट्रांसफर किए। इस राशि में से कुछ पैसे अशनीर ग्रोवर की कंपनी थर्ड यूनिकॉर्न को भी भेजे गए थे।

IREDA और PFC ने 2021 से 2024 के बीच जेनसोल को कुल 978 करोड़ रुपये का लोन दिया। इनमें से 664 करोड़ रुपये विशेष रूप से 6,400 इलेक्ट्रिक गाड़ियों (EVs) की खरीद के लिए थे, जिन्हें बाद में ब्लूस्मार्ट को किराए पर देना था। लेकिन फरवरी 2025 में कंपनी ने बताया कि उन्होंने अब तक केवल 4,704 गाड़ियां खरीदी हैं।

कंपनी के फंड का दुरुपयोग
सोशल मीडिया पर लोग व्यापार जगत के कुछ संस्थापकों की लालच, धोखाधड़ी और ईमानदारी में कमी को लेकर नाराजगी जता रहे हैं। लोग कह रहे हैं कि इस तरह की गड़बड़ियां देश को भी नुकसान पहुंचा रही हैं।

एक यूजर ने लिखा, “मैंने समझ लिया है कि भारत में धन कमाने के लिए सिर्फ स्मार्ट होना काफी नहीं है, आपको ब्लूस्मार्ट भी होना पड़ेगा।”

एक अन्य यूजर ने कहा, “Gensol और ब्लूस्मार्ट की पूरी कहानी का सबसे दुखद पहलू यह है कि अब से, जो संस्थापक असली इरादे के साथ निवेशकों के सामने आएंगे, उन्हें इस धोखाधड़ी का बोझ उठाना पड़ेगा।”

एक नेटिजन ने ‘X’ पर स्वतंत्र निदेशकों की जवाबदेही और कार्रवाई की कमी पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “Gensol कहानी में स्वतंत्र निदेशकों की भूमिका क्या है? जैसा हमेशा होता है, यहां कोई जवाबदेही और कार्रवाई नहीं है।”


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