पब्लिक प्रोविडेंट फंड (पीपीएफ) एक विश्वसनीय और सुरक्षित सरकारी योजना है, जो विशेष रूप से दीर्घकालिक बचत और निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत जमा की गई राशि और उस पर मिलने वाला ब्याज पूरी तरह से सरकारी गारंटी के तहत होता है, जिससे यह निवेशकों के लिए एक सुरक्षित विकल्प बनता है।
जो लोग अपने रिटायरमेंट के समय एक बड़ा फंड बनाना चाहते हैं, उनके लिए पीपीएफ एक उत्कृष्ट साधन हो सकता है। एक सफल निवेश पोर्टफोलियो वही होता है जिसमें जोखिम कम और सुरक्षा अधिक होती है, और पीपीएफ इस आवश्यकता को पूरी तरह से पूरा करता है। इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आप छोटे-छोटे निवेश से भी बड़े लक्ष्यों को प्राप्त कर सकते हैं।
यदि आप हर महीने 3,000 से 9,000 रुपए तक का निवेश पीपीएफ में करते हैं, तो आपको लंबे समय में अच्छा रिटर्न मिल सकता है। यह योजना पोस्ट ऑफिस और बैंकों में उपलब्ध है, जिससे आप वित्तीय सुरक्षा के साथ-साथ टैक्स में भी बचत कर सकते हैं।
सरकार द्वारा समर्थित होने के कारण इसमें जोखिम बहुत कम होता है। वर्तमान में पीपीएफ योजना पर 7.1 प्रतिशत का वार्षिक ब्याज मिल रहा है, जो अन्य सुरक्षित योजनाओं की तुलना में काफी आकर्षक है।
पीपीएफ खाता खोलने के लिए आपको भारतीय नागरिक होना आवश्यक है। कोई भी व्यक्ति अपने नाम से या माता-पिता अपने नाबालिग बच्चों के नाम पर भी पीपीएफ खाता खोल सकते हैं। एक व्यक्ति केवल एक ही पीपीएफ खाता रख सकता है, चाहे वह पोस्ट ऑफिस में हो या किसी बैंक में।
इस खाते में न्यूनतम निवेश राशि 500 रुपए सालाना है, जबकि अधिकतम निवेश सीमा 1.5 लाख रुपए प्रति वर्ष है। आप इसमें एकमुश्त राशि या मासिक किस्तों में भी निवेश कर सकते हैं। यह योजना टैक्स बचत के लिए भी बेहतरीन है, क्योंकि इसमें निवेश की गई राशि, ब्याज और मैच्योरिटी पर मिलने वाली पूरी रकम तीनों पर टैक्स में छूट मिलती है।
यदि आप हर महीने 3,000 रुपए का निवेश करते हैं, तो सालभर में आपकी कुल जमा राशि 36,000 रुपए होगी (3,000 × 12)।
18 वर्षों में कुल निवेश राशि 6,48,000 रुपए होगी, लेकिन 7.1% सालाना ब्याज के कारण आपकी कुल ब्याज आय 6,75,527 रुपए हो जाएगी। इस प्रकार, 18 वर्षों के अंत में आपके खाते में कुल 13,23,527 रुपए होंगे।
यह फंड आपके रिटायरमेंट के बाद एक मजबूत आर्थिक सहारा बन सकता है। बिना किसी बड़े जोखिम के इतना बड़ा फंड तैयार करना किसी भी व्यक्ति के लिए एक स्मार्ट फाइनेंशियल प्लानिंग का हिस्सा बन सकता है।
यदि आप हर महीने 6,000 रुपए का निवेश करते हैं, तो आपकी सालाना निवेश राशि 72,000 रुपए होगी (6,000 × 12)।
18 सालों में आपका कुल निवेश 12,96,000 रुपए होगा। इस अवधि में मिलने वाले ब्याज की राशि 13,51,054 रुपए होगी। अंततः 18 साल बाद आपके खाते में कुल 26,47,054 रुपए जमा हो जाएंगे।
इसका मतलब है कि यदि आप अपनी मासिक बचत को थोड़ा बढ़ाते हैं, तो आपका रिटायरमेंट फंड दोगुने से भी अधिक बढ़ सकता है।
टैक्स में छूट: पीपीएफ में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80सी के तहत टैक्स छूट मिलती है।
ब्याज भी टैक्स फ्री: इसमें अर्जित ब्याज पूरी तरह से टैक्स फ्री होता है।
लोन और आंशिक निकासी: खाते के कुछ वर्षों के बाद आप इस पर लोन ले सकते हैं और कुछ खास परिस्थितियों में आंशिक निकासी की सुविधा भी मिलती है।
नवीनीकरण की सुविधा: 15 वर्षों की मूल अवधि पूरी होने के बाद आप इसे 5-5 साल के ब्लॉक में बढ़ा सकते हैं।
यदि आप सुरक्षित निवेश की तलाश में हैं और रिटायरमेंट के लिए एक बड़ा फंड तैयार करना चाहते हैं, तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF) एक आदर्श विकल्प हो सकता है। हर महीने छोटी रकम से शुरू करके भी आप समय के साथ एक बड़ा फंड बना सकते हैं।
3,000 या 6,000 रुपए जैसी मामूली रकम से भी आप 18 साल में लाखों रुपए का फंड तैयार कर सकते हैं। इसलिए आज ही पीपीएफ अकाउंट खोलिए और अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित बनाइए।