जैतून के तेल की जानकारी: खाना पकाने में तेल का उपयोग आम है। हेल्दी जीवनशैली अपनाने वाले लोगों के बीच जैतून का तेल एक लोकप्रिय विकल्प है। यह तेल स्वास्थ्य के लिए कई फायदों से भरपूर होता है। हालांकि, यह कहना कि इसका उपयोग केवल स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग करते हैं, यह सही नहीं होगा। हाल के वर्षों में, इस तेल ने काफी चर्चा बटोरी है। जैतून का तेल एक हर्बल तेल है, जिसका उपयोग बालों और त्वचा पर भी किया जाता है। इसकी सुगंध भी आकर्षक होती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि रसोई में मौजूद यह तेल भी खराब हो सकता है? आइए जानते हैं कि इस तेल के खराब होने का पता कैसे लगाया जा सकता है।
1. सुगंध में बदलाव (Aroma)
यदि आपको तेल में अजीब या तेज गंध आ रही है, जैसे पिघला मोम या क्रेयोन, तो यह संकेत है कि तेल खराब हो रहा है। अच्छे जैतून के तेल में हल्की, फलदार और हर्बल खुशबू होती है। इसलिए, यदि तेल लंबे समय से रखा है, तो उसे उपयोग करने से पहले सूंघकर जांचें।
2. स्वाद में अंतर
अच्छे जैतून के तेल का स्वाद संतुलित होता है - चिकना, हल्का तीखा और थोड़ी कड़वाहट होती है। जब यह खराब होता है, तो इसका स्वाद भी बदल जाता है। यदि इसमें से चिकनी या बासी महक आती है, तो यह संकेत है कि तेल खराब हो रहा है। खाना पकाने से पहले थोड़ा सा चख लें।
3. रंग में बदलाव
यदि जैतून के तेल का रंग पीला या मटमैला हो गया है, तो यह खराब होने का संकेत हो सकता है। ताजा और अच्छा जैतून का तेल आमतौर पर हरे रंग का और हल्का पीला-हरा मिश्रण होता है।
4. तेल की बनावट
जैतून के तेल में हमेशा एक चिकनाई होती है, जो सामान्य तापमान पर स्थिर रहती है। यदि तेल चिपचिपा और अधिक गाढ़ा दिखाई देने लगे, तो यह संकेत है कि यह खराब हो रहा है। इसका मतलब है कि तेल बाहरी हवा के संपर्क में आकर खराब हो गया है।
5. एक्सपायरी डेट
आपको अपने तेल की एक्सपायरी डेट पर ध्यान देना चाहिए। कई बार तेल घर में रहता है, लेकिन हम चेक करना भूल जाते हैं कि बोतल पर उसकी मैन्यूफैक्चरिंग और एक्सपायरी डेट क्या है। आपको इस तेल को खरीदने के बाद 3 से 6 महीनों के भीतर उपयोग करना चाहिए। ध्यान रखें कि जिन बोतलों पर लंबी एक्सपायरी डेट होती है, वे असली जैतून का तेल नहीं हो सकती हैं।