पश्चिमी सिंहभूम, 18 अप्रैल . कोल्हान प्रमंडल के चाईबासा शहर में गुरुवार को पहली बार किन्नर समुदाय ने प्राइड मार्च निकाला. इस अनूठे और साहसिक कदम में पश्चिमी सिंहभूम सहित आसपास के जिलों से आए किन्नर प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. यह मार्च केवल एक जुलूस नहीं, बल्कि समाज में गरिमा, समानता और अधिकारों की मांग को लेकर उठाई गई एक सशक्त आवाज थी.
प्राइड मार्च के दौरान किन्नर समुदाय ने सरकार से आग्रह किया कि उन्हें विभिन्न सरकारी विभागों में आरक्षण दिया जाए ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें. प्रतिनिधि कमली ने कहा कि कॉरपोरेट संस्थानों को भी किन्नरों के लिए रोजगार के दरवाजे खोलने चाहिए. उन्होंने कहा कि हम केवल दया नहीं, बल्कि समान अवसर चाहते हैं.
भेदभाव के खिलाफ जागरूकता और संघर्ष
मार्च के दौरान किन्नरों ने हाथों में तख्तियां लेकर और नारे लगाकर अपने अधिकारों की मांग को खुलेआम सामने रखा. सम्मान चाहिए, भीख नहीं, हम भी इंसान हैं, हमें भी अधिकार दो जैसे नारों ने पूरे वातावरण को आंदोलित कर दिया. उनका यह प्रयास समाज में फैली असमानता और भेदभाव के खिलाफ एक चेतावनी के रूप में देखा जा रहा है. यह आयोजन किन्नर समुदाय के लिए एक नए युग की शुरुआत माना जा रहा है. पहली बार इतने बड़े स्तर पर उन्होंने संगठित होकर समाज के समक्ष अपनी स्थिति स्पष्ट की और गरिमा के साथ जीने का अधिकार मांगा.
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/ Vinod Pathak