टीबी एक खतरनाक बीमारी है. आज भी इसके बारे में सुनते ही लोग घबरा जाते हैं. टीबी को लेकर अक्सर लोगों के मन में कुछ सवाल उठते हैं जैसे कि क्या टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है? आइए इसका जवाब डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर (हेड ऑफ़ क्रिटिकल केयर और पल्मोलॉजी , सीके बिरला हॉस्पिटल गुरुग्राम) से जानते हैं.
डॉ. कुलदीप कुमार ग्रोवर ने बताया कि टीबी एक संक्रामक बीमारी है जो मुख्य रूप से फेफड़ों को इफ़ेक्ट करती है, लेकिन यह शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकती है. यह बीमारी माइकोबैक्टीरियम ट्यूबरकुलोसिस नामक बैक्टीरिया से होती है और एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में हवा के माध्यम से फैलती है, जब कोई टीबी का मरीज खांसता या छींकता है, तो उसके थूक या सांस के जरिए बैक्टीरिया बाहर आते हैं, जो पास में मौजूद व्यक्ति को इन्फेक्ट कर सकते हैं.
डॉ. कुलदीप ने बताया कि हां, टीबी पूरी तरह से ठीक हो सकती है, लेकिन इसके लिए सही ट्रीटमेंट और पेशेंस की जरूरत होती है. अगर टीबी का इलाज सही समय पर शुरू कर दिया जाए और मरीज डॉक्टर की सलाह के अनुसार प्रॉपर दवाएं ले, तो यह बीमारी जड़ से खत्म हो सकती है.
टीबी का इलाज लंबा होता है, आमतौर पर 6 महीने तक की दवाएं दी जाती हैं. कभी-कभी स्थिति गंभीर होने पर इलाज 9 महीने या उससे ज्यादा भी चल सकता है. टीबी में सबसे जरूरी है कि दवा का कोर्स पूरा करना. कई बार मरीज जब थोड़े बेहतर महसूस करते हैं तो दवाएं लेना बंद कर देते हैं, जिससे बीमारी दोबारा उभर सकती है और फिर उसे ठीक करना ज्यादा मुश्किल हो जाता है.
इसके अलावा, मरीज को अच्छा खाना, आराम, और साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए. घर में ताजी हवा और धूप भी बहुत जरूरी होती है क्योंकि टीबी के बैक्टीरिया अंधेरे और गंदे वातावरण में ज्यादा पाए जाते हैं. टीबी कोई लाइलाज (incurable) बीमारी नहीं है. सही समय पर जांच, नियमित दवाएं, और डॉक्टर की सलाह मानने से यह पूरी तरह से ठीक हो सकती है. अगर आपके आस-पास किसी को लंबे समय से खांसी, बुखार, वजन कम होना या पसीना आने की शिकायत हो, तो उसे तुरंत डॉक्टर से कंसल्ट करना चाहिए.