नई दिल्ली, 23 अप्रैल . राजधानी में प्रदूषण पर लगाम लगाने के उद्देश्य से एक नवंबर से बीएस छह से कम मानक वाले ट्रकों एवं वाणिज्यिक वाहनों को प्रवेश नहीं दिया जाएगा. सीएनजी, इलेक्ट्रिक और डीजल की सिर्फ बीएस-6 बसें, ट्रकों को ही प्रवेश दिया जाएगा. वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) ने बुधवार को एक नवंबर 2025 से दिल्ली में बीएस-VI, सीएनजी, एलएनजी और आईएलवी के अलावा सभी परिवहन, वाणिज्यिक माल वाहनों जैसे एलजीवाई, एमजीवी और एचजीवी के प्रवेश पर सख्त प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया है. आयोग ने कहा कि सिर्फ दिल्ली में पंजीकृत बीएस 6 मानक से कम वाहनों को ही प्रवेश मिलेगा. इस निर्देश को दिल्ली से सटे सभी राज्यों को सख्ती से लागू करने को कहा गया है.
बुधवार को सीएक्यूएम द्वारा दिल्ली से सट सभी राज्यों को जारी अपने निर्देश में कहा कि एक जुलाई 2025 से 10 साल से ऊपर वाली डीजल गाड़ियां और 15 साल से ऊपर वाली गाड़ियों को पेट्रोल नहीं दिया जाएगा. ईंधन पंप स्टेशनों पर स्थापित एएनपीआर कैमरों या अन्य ऐसी प्रणालियों के माध्यम से ऐसी गाड़ियों की पहचान की जाएगी और ईंधन भरने से मना कर दिया जाएगा. आयोग द्वारा जारी निर्देश में कहा गया है कि दिल्ली में ट्रकों के 126 सीमा प्रवेश बिंदुओं पर सख्ती से इस नियम को लागू किया जाएगा. इसके अलावा, एनसीआर में राष्ट्रीय राजमार्गों एवं एक्सप्रेसवे पर स्थित एनएचएआई के 52 टोल प्लाजा को वाहन डेटाबेस से जुड़े एएनपीआर कैमरे प्रदान किए गए हैं, जो विभिन्न मापदंडों के संबंध में वाहनों की पहचान करने में मदद करेंगे. बीओएल वाहनों की पहचान ‘ वैध पंजीकरण, फिटनेस, पीयूसी, परमिट और बीमा से किया जाएगा. यह निर्देश सर्दियों में दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण से निपटने के लिए दिया गया है. सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशों के तहत ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (जीआईआईएपी) के तहत निर्देशों की समय समय पर समीक्षा भी की जाती है.
उल्लेखनीय है कि ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) के तीसरे और चौथे चरण के प्रतिबंध लगते ही बीएस तीन मानकों वाले पेट्रोल से चलने वाले वाहन और बीएस चार मानकों वाले डीजल से चलने वाले वाहनों पर रोक लग जाती है. सर्दियों के दौरान स्थिति और भी खराब हो जाती है. इससे निपटने के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण को रोकने के लिए GRAP प्रतिबंध लगाए जाते हैं.
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/ विजयालक्ष्मी