बिहार में भूमि रजिस्ट्री के नए नियम: जानें क्या हैं बदलाव?
newzfatafat April 24, 2025 02:42 PM
बिहार में भूमि सर्वेक्षण का कार्य


बिहार में वर्ष 2025 से भूमि सर्वेक्षण का कार्य शुरू हो चुका है। इस प्रक्रिया के दौरान, भूमि के निजी स्वामित्व का रिकॉर्ड ऑनलाइन दर्ज किया जा रहा है, साथ ही विवादित मामलों का समाधान भी किया जा रहा है।


नई रजिस्ट्री नियमावली

राज्य सरकार ने भूमि रजिस्ट्री के लिए नई नियमावली जारी की है, जिसमें कई महत्वपूर्ण संशोधन किए गए हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री करना पहले से कहीं अधिक सरल हो गया है।


यदि आप अपनी नई खरीदी गई भूमि की रजिस्ट्री कराने जा रहे हैं या पुरानी विवादित भूमि का समाधान करना चाहते हैं, तो आपको नए नियमों की जानकारी अवश्य लेनी चाहिए।


बिहार भूमि रजिस्ट्री के नए नियम

नए नियमों के अनुसार, निजी भूमि के स्वामित्व के लिए अपने ऑनलाइन रिकॉर्ड के साथ आधार कार्ड को लिंक कराना अनिवार्य होगा। इससे स्वामित्व की पहचान स्पष्ट होगी।


जो लोग अपने भूमि रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक नहीं कराते, उन्हें भविष्य में भूमि खरीदने या बेचने में कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है।


आधार कार्ड लिंक करने की प्रक्रिया

भूमि रिकॉर्ड में आधार कार्ड लिंक करने की प्रक्रिया जटिल नहीं है। आप अपने हल्का पटवारी या कंप्यूटर सेंटर पर जाकर आसानी से यह कार्य करवा सकते हैं।


जमीन रजिस्ट्री के नए नियमों की जानकारी

बिहार सरकार द्वारा भूमि रजिस्ट्री के लिए बनाए गए नए नियम निम्नलिखित हैं:


  • जमीन रजिस्ट्री या प्रमाणीकरण में किसी भी प्रकार की समस्या नहीं आएगी।
  • जमीन के स्वामित्व की पहचान में विवाद नहीं होगा।
  • आधार कार्ड नंबर से आसानी से भूमि का रिकॉर्ड निकाला जा सकेगा।
  • जमीन रजिस्ट्री का कार्य पहले से सरल होगा।

गवाहों का सत्यापन

नए नियमों के तहत, रजिस्ट्री के समय दो गवाहों का सत्यापन भी अनिवार्य होगा। अर्थात, जिस व्यक्ति के नाम पर भूमि है, उसके गवाह भी उपस्थित रहना आवश्यक होगा।


जमीन रजिस्ट्री के लिए शुल्क

बिहार में भूमि सर्वेक्षण के दौरान रजिस्ट्री के लिए शुल्क ₹25,000 प्रति एकड़ तक हो सकता है। अधिक जानकारी के लिए अपने नजदीकी सरकारी कार्यालय से संपर्क करें।


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