पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत के सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के फैसले ने पाकिस्तान को बैकफुट पर ला दिया है। इस बीच, पाकिस्तान ने 24-25 अप्रैल, 2025 को कराची तट पर सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल का परीक्षण करने की अधिसूचना जारी की है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां इस घटनाक्रम पर कड़ी नजर रख रही हैं। क्या यह मिसाइल टेस्ट भारत के खिलाफ पाकिस्तान की बौखलाहट का नतीजा है, या फिर एक सुनियोजित उकसावे की कार्रवाई? आइए, इस मुद्दे की गहराई में उतरते हैं।
पहलगाम हमले ने बदला समीकरण
22 अप्रैल, 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों में नया तनाव पैदा कर दिया। इस हमले में 26 से अधिक लोग मारे गए, और जांच में इसके तार पाकिस्तान से जुड़े होने की बात सामने आई। भारत ने तुरंत कड़ा रुख अपनाते हुए सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया, जिससे पाकिस्तान में जल संकट गहरा गया। वाघा-अटारी सीमा बंद करने और वीजा सेवाएं रोकने जैसे कदमों ने पाकिस्तान पर दबाव बढ़ा दिया। अब पाकिस्तान का मिसाइल टेस्ट इस तनाव को और बढ़ाने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
पाकिस्तान का मिसाइल टेस्ट: समय और मंशा
पाकिस्तान ने अपने विशेष आर्थिक क्षेत्र में कराची तट के पास अरब सागर में 24-25 अप्रैल को मिसाइल टेस्ट की योजना बनाई है। यह टेस्ट सतह से सतह और सतह से नीचे मार करने वाली मिसाइलों का होगा। रक्षा सूत्रों के अनुसार, भारतीय एजेंसियां इस गतिविधि पर पैनी नजर रख रही हैं। कुछ विशेषज्ञ इसे पाकिस्तान की ओर से भारत के सख्त कदमों का जवाब मान रहे हैं, जबकि अन्य का कहना है कि यह पाकिस्तान की नौसेना की युद्धक क्षमता को प्रदर्शित करने की कोशिश हो सकती है। इस टेस्ट का समय भारत के लिए संवेदनशील है, क्योंकि यह पहलगाम हमले के ठीक बाद हो रहा है।
भारत की सतर्कता और रणनीति
भारत ने पाकिस्तान के इस कदम को गंभीरता से लिया है। नौसेना और खुफिया एजेंसियों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, और अरब सागर में निगरानी बढ़ा दी गई है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि भारत इस टेस्ट को केवल सैन्य अभ्यास के तौर पर नहीं देख रहा, बल्कि इसे पाकिस्तान की उकसावे की नीति का हिस्सा मान रहा है। भारत ने पहले भी बालाकोट एयर स्ट्राइक जैसे कदमों से पाकिस्तान को जवाब दिया है, और इस बार भी वह किसी भी स्थिति से निपटने के लिए तैयार है। विदेश मंत्रालय ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वह पाकिस्तान की गैर-जिम्मेदाराना हरकतों पर ध्यान दे।
पाकिस्तान की बेचैनी और अंतरराष्ट्रीय मंच
पाकिस्तान के सुरक्षा विशेषज्ञ और राजनयिक इस स्थिति से बेचैन हैं। कुछ ने इसे भारत की “आक्रामक कूटनीति” का जवाब बताया है, जबकि अन्य संयुक्त राष्ट्र में इस मुद्दे को उठाने की बात कर रहे हैं। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत की स्थिति मजबूत है, क्योंकि पहलगाम हमले ने पाकिस्तान को आतंकवाद के समर्थन के लिए कठघरे में खड़ा कर दिया है। पाकिस्तान के मिसाइल टेस्ट को कई लोग उसकी कमजोर स्थिति को छिपाने की कोशिश मान रहे हैं, क्योंकि जल संकट और आर्थिक दबाव ने उसे पहले ही मुश्किल में डाल रखा है।
जनता की भावनाएं और एकजुटता
भारत में जनता ने सरकार के सख्त कदमों का स्वागत किया है। सोशल मीडिया पर लोग पहलगाम हमले के लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं और भारत की जवाबी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। इस बीच, नागरिकों से अपील की जा रही है कि वे शांति बनाए रखें और अफवाहों से बचें। यह समय देश की एकता और ताकत को दर्शाने का है, ताकि आतंकवाद और बाहरी उकसावे के खिलाफ मजबूती से खड़ा रहा जा सके।
निष्कर्ष: भारत की मजबूत स्थिति
पाकिस्तान का मिसाइल टेस्ट भले ही उसकी सैन्य ताकत दिखाने की कोशिश हो, लेकिन भारत की सतर्कता और कूटनीतिक रणनीति उसे हर कदम पर जवाब देने के लिए तैयार रखती है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद और उकसावे की कोई जगह नहीं है। यह मिसाइल टेस्ट तनाव को बढ़ा सकता है, लेकिन भारत की मजबूत स्थिति और अंतरराष्ट्रीय समर्थन उसे हर चुनौती से निपटने की ताकत देता है। इस समय जरूरी है कि हम एकजुट रहें और देश की सुरक्षा के लिए सरकार का साथ दें।