राजस्थान में जैविक खेती को बढ़ावा: वर्मीखाद इकाई पर 50,000 रुपये तक की सब्सिडी
newzfatafat April 25, 2025 08:42 PM
जैविक खेती को प्रोत्साहन: वर्मीखाद इकाई योजना

राजस्थान सरकार ने किसानों के लिए एक नई योजना पेश की है, जो जैविक खेती को एक नई दिशा देगी। इस योजना के तहत, वर्मीखाद इकाई स्थापित करने के लिए किसानों को 50,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। यह पहल न केवल मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाएगी, बल्कि किसानों की आय में भी सुधार लाएगी। आइए, इस योजना की विशेषताओं, आवेदन प्रक्रिया और आवश्यक दस्तावेजों के बारे में विस्तार से जानते हैं।


वर्मीखाद: जैविक खेती का एक महत्वपूर्ण साधन

वर्मीखाद एक जैविक खाद है, जो केंचुओं द्वारा तैयार की जाती है। ये केंचुए जैविक कचरे को अपने पाचन तंत्र से गुजारते हैं और उच्च गुणवत्ता वाली खाद का निर्माण करते हैं।


यह खाद मिट्टी को पोषक तत्वों से भर देती है, फसलों की गुणवत्ता में सुधार करती है और रासायनिक खादों पर निर्भरता को कम करती है। राजस्थान सरकार की वर्मीखाद इकाई योजना किसानों को इस पर्यावरण-अनुकूल खाद को अपनाने के लिए प्रेरित कर रही है। यह न केवल खेती को टिकाऊ बनाएगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी योगदान देगी।


योजना की विशेषताएँ

राजस्थान कृषि विभाग की इस योजना के तहत वर्मीखाद इकाई स्थापित करने के लिए दो प्रकार की संरचनाएँ उपलब्ध हैं। पहली, RCC निर्माण वाली इकाई है, जिसका आकार 30 फीट × 8 फीट × 2.5 फीट है। इसके लिए अधिकतम 50,000 रुपये (इकाई लागत का 50%) की सब्सिडी दी जाएगी।


दूसरी, HDPE वर्मी बेड इकाई है, जिसका आकार 12 फीट × 4 फीट × 2 फीट है और इसके लिए 8,000 रुपये तक की सब्सिडी मिलेगी। इकाई के निर्माण के बाद एक समिति भौतिक सत्यापन करती है, और सत्यापन पूरा होने पर सब्सिडी सीधे किसान के बैंक खाते में जमा की जाती है। केंचुओं की उपलब्धता इस योजना का महत्वपूर्ण हिस्सा है, क्योंकि वे खाद उत्पादन का आधार हैं।


किसे मिलेगा लाभ?

यह योजना उन किसानों के लिए है जो जैविक खेती को अपनाना चाहते हैं। इसके लिए कुछ शर्तें हैं। आवेदक को राजस्थान का निवासी होना चाहिए और उसके पास कम से कम 4 हेक्टेयर भूमि पर बागवानी फसलें उगानी चाहिए। इसके अलावा, पशुधन, पानी की उपलब्धता, और जैविक कचरा (जैसे गोबर या फसल अवशेष) होना आवश्यक है। ये संसाधन वर्मीखाद उत्पादन के लिए आवश्यक हैं। यह योजना छोटे और बड़े दोनों प्रकार के किसानों के लिए लाभकारी है।


आवश्यक दस्तावेज: पहले से तैयारी करें

वर्मीखाद इकाई योजना का लाभ लेने के लिए कुछ आवश्यक दस्तावेज जमा करने होंगे। इनमें आधार कार्ड, जन आधार कार्ड, जमाबंदी की प्रति (6 महीने से ज्यादा पुरानी नहीं), और बैंक पासबुक की कॉपी शामिल हैं। सभी दस्तावेजों को ध्यान से तैयार करें, क्योंकि गलत या अधूरे दस्तावेज आवेदन को रद्द कर सकते हैं। यदि आपके पास जन आधार कार्ड नहीं है, तो नजदीकी ई-मित्र केंद्र से इसे बनवाएं।


ऑनलाइन आवेदन की सरल प्रक्रिया

वर्मीखाद इकाई योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन करना होगा। इसके लिए राजस्थान सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर जाएं।


सबसे पहले “Register” विकल्प चुनें और “Citizen” पर क्लिक करें। जन आधार या गूगल आईडी के जरिए लॉगिन करें। ओटीपी वेरिफिकेशन के बाद SSO ID बनाएं और रजिस्ट्रेशन पूरा करें। इसके बाद योजना के लिए आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें। प्रक्रिया पूरी होने के बाद आपका आवेदन समीक्षा के लिए भेज दिया जाएगा।


किसानों के लिए सुझाव

यदि आप इस योजना का लाभ लेना चाहते हैं, तो समय रहते तैयारी शुरू करें। अपनी जमीन और संसाधनों की जांच करें कि क्या आपके पास केंचुआ खाद इकाई के लिए आवश्यक चीजें (पानी, पशुधन, जैविक कचरा) उपलब्ध हैं। स्थानीय कृषि विभाग से संपर्क कर केंचुओं की उपलब्धता और प्रशिक्षण की जानकारी लें।


आवेदन से पहले दस्तावेजों को दोबारा जांच लें। यदि आपको ऑनलाइन प्रक्रिया में दिक्कत हो, तो नजदीकी ई-मित्र या CSC केंद्र से मदद लें। यह योजना आपके खेत को समृद्ध और आपकी आय को बढ़ाने का सुनहरा अवसर है।


जैविक खेती का नया युग

राजस्थान सरकार की यह योजना जैविक खेती को बढ़ावा देने और रासायनिक खादों पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। वर्मीखाद इकाई न केवल मिट्टी की सेहत में सुधार करती है, बल्कि किसानों को कम लागत में अधिक लाभ देती है।


यह योजना राजस्थान के किसानों को आत्मनिर्भर और पर्यावरण के प्रति जागरूक बनाने का एक शानदार अवसर है। तो देर न करें! अपने खेत को जैविक बनाएं और वर्मीखाद इकाई योजना के तहत 50,000 रुपये की सब्सिडी हासिल करें।


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