भारत में आम को 'फलों का राजा' माना जाता है, और इसकी मिठास और सुगंध ने इसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में विशेष स्थान दिलाया है। नई कृषि तकनीकों और उन्नत बीजों ने किसानों के लिए समृद्धि के नए द्वार खोले हैं।
विशेष रूप से, पूसा प्रतिभा, पूसा श्रेष्ठ, पूसा पीतांबर, पूसा लालिमा, और पूसा मनोहारी जैसी आम की उन्नत किस्में कम समय में अधिक लाभ का वादा करती हैं। ये किस्में उच्च पैदावार, रोग प्रतिरोधकता, और बेहतरीन स्वाद के लिए जानी जाती हैं।
2012 में पेश की गई पूसा प्रतिभा उत्तर और मध्य भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए आदर्श है। यह किस्म 13-15 टन प्रति हेक्टेयर की औसत पैदावार देती है। इसके फल आकर्षक लाल छिलके और नारंगी गूदे के साथ होते हैं, जिनका औसत वजन 181 ग्राम होता है।
फलों में 71.1% गूदा, 19.6 ब्रिक्स घुलनशील ठोस पदार्थ, 9 मिलीग्राम/100 ग्राम विटामिन C, और 11,474 माइक्रोग्राम/100 ग्राम बीटा-कैरोटीन होता है। इसकी सुगंध और 7-8 दिन की शेल्फ लाइफ इसे घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में लोकप्रिय बनाती है।
पूसा श्रेष्ठ भी 2012 में लॉन्च हुई और यह पूरे भारत में खेती के लिए उपयुक्त है। यह किस्म 12-16 टन प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है। इसके फल लंबे, लाल छिलके वाले, और नारंगी गूदे के साथ होते हैं, जिनका औसत वजन 228 ग्राम है।
फलों में 20.3 ब्रिक्स घुलनशील ठोस पदार्थ, 3 मिलीग्राम/100 ग्राम विटामिन C, और 10,964 माइक्रोग्राम/100 ग्राम बीटा-कैरोटीन पाया जाता है।
2012 में पेश की गई पूसा पीतांबर 12-16 टन प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है। इसके गोल-लंबे फल उज्ज्वल पीले छिलके और रसदार गूदे (76%) के साथ होते हैं।
फलों में 18.8 ब्रिक्स घुलनशील ठोस पदार्थ, 39.8 मिलीग्राम/100 ग्राम विटामिन C, और 11,737 माइक्रोग्राम/100 ग्राम बीटा-कैरोटीन होता है।
पूसा लालिमा, 2012 में विकसित, 12-15 टन प्रति हेक्टेयर की पैदावार देती है। इसके फल आकर्षक लाल-नारंगी छिलके और नारंगी गूदे (71.1%) के साथ होते हैं।
फलों में 17.0 ब्रिक्स घुलनशील ठोस पदार्थ, 34.7 मिलीग्राम/100 ग्राम विटामिन C, और 13,028 माइक्रोग्राम/100 ग्राम बीटा-कैरोटीन पाया जाता है।
2021 में लॉन्च पूसा मनोहारी 15-17 टन प्रति हेक्टेयर की शानदार पैदावार देती है। इसके फल हरे-पीले छिलके और हल्के गुलाबी कंधे के साथ लाल-नारंगी गूदे वाले होते हैं।
फलों में 18.38 ब्रिक्स घुलनशील ठोस पदार्थ, 39.78 मिलीग्राम/100 ग्राम विटामिन C, और 9.73 मिलीग्राम/किलोग्राम बीटा-कैरोटीन होता है।
कृषि विशेषज्ञों का सुझाव है कि इन उन्नत किस्मों का चयन करते समय स्थानीय जलवायु, मिट्टी, और बाजार की मांग को ध्यान में रखें। अपने नजदीकी कृषि अनुसंधान केंद्र से संपर्क करें और सही रोपाई तकनीकों, जैविक खाद, और समय पर सिंचाई का उपयोग करें।
पूसा प्रतिभा, पूसा श्रेष्ठ, पूसा पीतांबर, पूसा लालिमा, और पूसा मनोहारी जैसी उन्नत किस्में आम की खेती को एक लाभकारी व्यवसाय में बदल रही हैं। 12-17 टन प्रति हेक्टेयर की पैदावार और बेहतरीन स्वाद के साथ ये किस्में किसानों के लिए सुनहरा अवसर हैं।