आपने अक्सर सुना होगा कि आयकर विभाग ने किसी व्यवसायी या नेता के निवास या कार्यालय पर छापे मारे हैं, जहां से करोड़ों रुपये की नकदी और सोने-चांदी के आभूषण बरामद हुए। कई बार इन घटनाओं में संबंधित व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया जाता है या फिर नकद और आभूषणों को जब्त कर लिया जाता है। ऐसे मामलों को देखकर आम जनता के मन में यह सवाल उठता है कि घर में कितना कैश और सोना रखना कानूनी है? क्या अधिक मात्रा में नकद या गहने रखना अपराध है?
आज हम इसी विषय पर आपको आयकर नियमों के बारे में विस्तृत जानकारी देने जा रहे हैं।
इसका सीधा उत्तर है – नहीं। घर में नकदी रखना कोई अपराध नहीं है। लेकिन यह महत्वपूर्ण है कि उस नकद की सोर्स ऑफ इनकम (आय का स्रोत) वैध होनी चाहिए। आयकर विभाग ने नकदी रखने की कोई सीमा निर्धारित नहीं की है, लेकिन यदि विभाग को संदेह होता है कि यह पैसा अवैध या बेहिसाब है, तो आप पर कार्रवाई हो सकती है।
इनकम टैक्स अधिनियम की धारा 68 से 69B तक उन संपत्तियों या नकद को कवर करती हैं जिनका कोई स्पष्ट स्रोत नहीं है। यदि आयकर अधिकारी को लगता है कि आपके पास मौजूद नकद आपकी घोषित आय से अधिक है और इसका कोई प्रमाण नहीं है, तो इसे ‘बिना स्रोत वाली आय’ माना जाएगा।
कैश की तरह, सोना या गहने रखना भी गैरकानूनी नहीं है, लेकिन इसके लिए आयकर विभाग ने कुछ दिशानिर्देश निर्धारित किए हैं। विशेष रूप से जब छापेमारी होती है, तो अधिकारियों को यह देखने का अधिकार होता है कि आपके पास कितना सोना है और क्या वह आपकी घोषित आय या पारंपरिक स्रोत से मेल खाता है।
CBDT (Central Board of Direct Taxes) ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी व्यक्ति के पास निर्धारित सीमा के भीतर सोना है, तो उसे जब्त नहीं किया जाएगा, भले ही उसके पास खरीदारी की रसीद न हो। लेकिन यदि सोने की मात्रा निर्धारित सीमा से अधिक है, तो आपको यह साबित करना होगा कि आपने वह सोना कैसे खरीदा।
इनकम टैक्स नियमों के अनुसार:
ये सीमाएं जांच या रेड के समय जब्ती से छूट देने के लिए मानी जाती हैं, न कि इससे अधिक रखने पर सीधे अपराध मान लिया जाता है।
यदि आपके पास गहने पारिवारिक विरासत (inheritance) से आए हैं या उपहार के रूप में मिले हैं, तो आप उन्हें भी रख सकते हैं। लेकिन ऐसे मामलों में यदि पूछताछ होती है तो आपको उसका विवरण देना होगा, जैसे:
यदि संतोषजनक जानकारी दी जाती है, तो आयकर अधिकारी ऐसे गहनों को जब्त नहीं करते।