नए मशीन एल्गोरिदम से दिल की बीमारी, हड्डी में फ्रैक्चर के जोखिम का जल्द पता चल सकेगा
Gyanhigyan April 30, 2025 07:42 PM

सिडनी, 30 अप्रैल (आईएएनएस)। ऑस्ट्रेलिया और कनाडा के वैज्ञानिकों ने एक नया एल्गोरिदम बनाया है, जो हड्डियों की सामान्य जांच के दौरान ही दिल की बीमारी और हड्डी टूटने के खतरे को जल्दी पहचान सकता है।

सिन्हुआ न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, यह तकनीक ऑस्ट्रेलिया की एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी और कनाडा की यूनिवर्सिटी ऑफ मैनिटोबा के वैज्ञानिकों ने मिलकर बनाई है। इससे हड्डियों की जांच के दौरान ही अन्य गंभीर बीमारियों का पहले से पता लगाया जा सकेगा और बुजुर्ग लोगों की सेहत बेहतर हो सकेगी।

इस सिस्टम की खासियत यह है कि यह रीढ़ की हड्डी की स्कैन इमेज (जिसे वीएफए कहा जाता है) देखकर पेट की मुख्य धमनी के कैल्सिफिकेशन (एएसी) की पहचान करता है। एएसी दिल के दौरे, स्ट्रोक और गिरने जैसे जोखिमों से जुड़ा होता है।

पहले किसी विशेषज्ञ को एएसी के बारे में पता करने में 5–6 मिनट लगते थे, लेकिन अब यह नई तकनीक हजारों इमेज को एक मिनट से भी कम समय में जांच सकती है। इससे बड़ी संख्या में लोगों की जल्दी जांच करना संभव होगा।

एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी की रिसर्चर कैसेंड्रा स्मिथ के अनुसार, हड्डियों की सामान्य जांच कराने वाली 58% बुजुर्ग महिलाओं में मध्यम से ज्यादा एएसी मिला, लेकिन उन्हें दिल की बीमारी के इस खतरे की जानकारी ही नहीं थी।

उन्होंने बताया कि महिलाएं अक्सर दिल की बीमारी की जांच नहीं करा पाती और इलाज भी नहीं हो पाता। चूंकि इस बीमारी के कोई साफ लक्षण नहीं होते, इसलिए यह समस्या अक्सर छुपी रह जाती है। लेकिन इस नई तकनीक से हड्डियों की जांच करते समय ही इसका पता लग सकता है।

एक और रिसर्चर मार्क सिम ने पाया कि एएसी न सिर्फ दिल की बीमारी का संकेत है, बल्कि यह गिरने और हड्डी टूटने का भी बड़ा कारण हो सकता है। उन्होंने कहा कि नया एल्गोरिदम पुराने तरीकों से ज्यादा सही जानकारी देता है।

उन्होंने कहा, “हमने पाया है कि जितना अधिक एएसी होता है, व्यक्ति के गिरने और हड्डी टूटने का खतरा उतना ही ज्यादा होता है। डॉक्टर आमतौर पर इस पर ध्यान नहीं देते, लेकिन यह नई तकनीक इस कमी को पूरा करती है।”

नतीजा यह है कि अब हड्डियों की जांच के दौरान ही मरीज की धमनी और दिल की सेहत की भी जानकारी मिल सकती है, जिससे हड्डी कमजोर होने पर गिरने के जोखिम या फ्रैक्चर का पहले ही पता लगाकर समय रहते इलाज किया जा सकता है।

--आईएएनएस

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