अबॉर्शन के बाद क्यों आती है दोबारा प्रेग्नेंसी में परेशानी? डॉक्टर से जानें इसके कारण
कई बार कुछ परेशानियों के चलते अबॉर्शन करना पड़ता है, हालांकि अबॉर्शन के बाद दोबारा प्रेग्नेंसी में परेशानी होती है. ऐसा क्यों होता है आइए डॉक्टर से जानते हैं.
मां बनना हर महिला का सपना होता है. हालांकि कुछ परेशानियों के चलते ये सपना अधूरा रह जाता है. ऐसे में आज हम डॉ. मनन गुप्ता (चेयरमैन और एच ओ डी – आब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी, एलांटिस हेल्थकेयर, नई दिल्ली) से जानेंगे कि आखिर अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी में परेशानी क्यों आती है?
डॉ. मनन गुप्ता ने बताया कि अबॉर्शन एक ऐसा मेडिकल प्रोसेस है जिसमें किसी कारणवश गर्भ को समाप्त कर दिया जाता है. यह प्रोसेस कुछ महिलाओं के लिए जरूरी हो सकती है, लेकिन इसके बाद दोबारा प्रेगनेंसी में दिक्कत आना एक आम समस्या है. हर महिला की बॉडी अलग होती है, इसलिए अबॉर्शन के बाद उसके शरीर पर असर भी अलग-अलग होता है.
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1. बार-बार अबॉर्शन से यूट्रस पर असर- अगर किसी महिला ने कई बार अबॉर्शन करवाया है, तो उसका असर यूट्रस की लाइनिंग पर पड़ सकता है. बार-बार की जाने वाली यह प्रोसेस यूट्रस की अंदरूनी दीवार को कमजोर कर सकती है, जिससे फ्यूचर में फ़ीटस का वहां टिक पाना मुश्किल हो सकता है.
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2. इन्फेक्शन का खतरा- अगर अबॉर्शन के समय सफाई या स्टरलाइजेशन ठीक से न किया गया हो, तो इन्फेक्शन हो सकता है. यह इन्फेक्शन फैलकर फैलोपियन ट्यूब और यूट्रस को नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे प्रेग्नेंसी में दिक्कत आती है. कई बार यह इन्फेक्शन ब्लॉक ट्यूब का कारण भी बन सकता है, जिससे फर्टिलाइजेशन नहीं हो पाता.
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3. हार्मोनल बदलाव- अबॉर्शन के बाद शरीर में हार्मोनल असंतुलन भी हो सकता है. हार्मोन रिप्रोडक्टिव सिस्टम को कंट्रोल करते हैं, और अगर इनका संतुलन बिगड़ता है, तो ओवुलेशन सही समय पर नहीं होता. इससे प्रेगनेंसी में देरी या दिक्कत हो सकती है.
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4. मेन्टल स्ट्रेस – अबॉर्शन के बाद कई महिलाओं में मेन्टल स्ट्रेस , गिल्ट या डिप्रेशन देखा गया है. यह मानसिक स्थिति भी हार्मोनल बदलाव और शरीर के कार्यों पर असर डालती है, जिससे गर्भधारण मुश्किल हो सकता है.
अबॉर्शन के बाद शरीर को पूरी तरह से रिकवर करने का समय देना जरूरी है. कम से कम 3 से 6 महीने बाद ही अगली प्रेग्नेंसी की योजना बनानी चाहिए. अगर किसी महिला को बार-बार मिसकैरेज या कंसीव करने में परेशानी हो रही है, तो उसे गाइनेकोलॉजिस्ट से पूरी जांच करवानी चाहिए.
अबॉर्शन के बाद प्रेग्नेंसी में दिक्कत आना संभव है, लेकिन इसका इलाज और समाधान मौजूद है. सही समय पर मेडिकल सलाह लेना और शरीर का ख्याल रखना जरूरी है ताकि भविष्य में एक हेल्दी प्रेग्नेंसी संभव हो सके.