शेयर मार्केट में लौट रहे हैं एफआईआई, महीनों बाद ऐसे आंकड़े सामने आए जो बड़ी तेज़ी का संकेत दे रहे हैं
et May 01, 2025 07:42 PM
भारतीय शेयर बाज़ार के लिए फॉरेन इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स याने एफआईआई बहुत बड़े प्लेयर्स हैं. भारतीय बाज़ारों में एफआईआई का लगभग 68 लाख करोड़ रुपए का निवेश है. एफआईआई की मार्केट एक्विटीज़ पर हमेशा नज़रें होती हैं, जिससे मार्केट के ट्रेंड पर अनुमान लगाया जा सके. अप्रैल माह में एफआईआई भारतीय बाज़ारों में नेट बायर्स बनकर सामने आए हैं. अप्रैल माह में एफआईआई ने कैश मार्केट में 2,735.02 करोड़ रुपए की नेट बाइंग की है. इससे पिछले माह मार्च 2025 में भी एफआईआई नेट बायर्स थे और उन्होंने 2,014.18 करोड़ रुपए की खरीदारी की थी. मार्च 2025 के बाद एफआईआई का नेट बायर्स बने रहने का यह ट्रेंड अप्रैल में भी कन्टिन्यू हुआ है,जो भारतीय बाज़ारों के लिए अच्छा संकेत है. अप्रैल माह ग्लोबल और डोमेस्टिक लेवल पर बेहद वॉलेटाइल रहा और अमेरिके प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ पॉलिसी से दुनिया भर के बाज़ारों में उथल पुथल रही, लेकिन इस वोलेटाइल पीयरेड के बावजूद एफआईआई ने भारतीय बाज़ारों पर अपना पॉज़िटिव व्यू दिया है और महीनों लगातार सेलिंग करने के बाद अब एफआईआई पिछले दो माह से लगातार भारतीय बाज़ारों में नेट बायर्स रहे हैं. मार्च 2025 से पहले एफआईआई अक्टूबर 2024 से ही लगातार भारतीय बाज़ारों में बिकवाली कर रहे हैं, जिससे भारतीय बाज़ारों में गिरावट देखने को मिली थी. एक समय बेंचमार्क इंडेक्स सेंसेक्स और निफ्टी 27 सितंबर 2024 के अपने ऑल टाइम हाई लेवल से17% तक गिर चुके थे. अब एफआईआई एक बार फिर बायर टर्न हो रहे हैं, जो भारतीय बाज़ारों के लिए अच्छी खबर है. हालांकि भारत और पाकिस्तान के बीच फिलहाल तनाव चल रहा है और कोई भी खबर बाज़ार को प्रभावित कर सकती है. इसके अलावा अमेरिका में कमज़ोर अर्थव्यवस्था की रिपोर्ट के बाद यह बहस भी समाप्त हो गई है कि अमेरिकी बाज़ारों में अन्य बाज़ारों से बेहतर रिटर्न देने की संभावना है. एफआईआई का एक पैटर्न है कि वे जब खरीदते हैं तो लगातार खरीदते हैं. वे मार्च और अप्रैल में खरीद चुके हैं और यह सिलसिला आगे भी जारी रह सकता है. इससे भारतीय बाज़ारों में तेज़ी आ सकती है. महीनों बाद एफआईआई बैक टू बैक मंथ नेट बायर्स रहे हैं. इसके साथ डीआईआई भी खरीद रहे हैं. कॉर्पोरेट अर्निंग सीज़न भी ठीक ठीक चल रहा है. ये सभी संकेत मिलकर भारतीय बाज़ारों में नई तेज़ी का संकेत दे रहे हैं.
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