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कहते हैं कि सच्चे प्यार की कोई सीमा नहीं होती और मध्य प्रदेश के राजगढ़ में एक दिल को छू लेने वाली घटना में ऐसा ही हुआ। आदित्य नाम के एक दूल्हे ने प्यार की ताकत तब दिखाई जब उसकी दुल्हन नंदनी शादी से ठीक पहले बीमार पड़ गई।
इस जोड़े की शादी 1 मई को अक्षय तृतीया के अवसर पर होनी थी। लेकिन शादी से ठीक पांच दिन पहले नंदनी बहुत बीमार हो गई और उसे ब्यावरा शहर के पंजाबी नर्सिंग होम में भर्ती कराना पड़ा।
चूंकि अगली अच्छी शादी की तारीख (मुहूर्त) दो साल दूर थी, इसलिए परिवारों ने अस्पताल में ही शादी करने का फैसला किया।
न गार्डन, न हॉल - अस्पताल बना शादी का स्थान
बुधवार की रात, दूल्हा आदित्य पूरी बारात के साथ अस्पताल पहुंचा, जिसमें बैंड, संगीत और यहां तक कि घोड़े पर सवार भी थे। अस्पताल के अंदर शादी का मंडप बनाया गया और पारंपरिक वैदिक मंत्रों के साथ सभी रस्में निभाई गईं।
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आदित्य ने अपनी दुल्हन को गोद में उठाकर सात फेरे लिए
चूंकि नंदनी इतनी कमजोर थी कि वह लंबे समय तक चल या बैठ नहीं सकती थी, इसलिए आदित्य ने उसे गोद में उठाकर अस्पताल के मंडप में ही पवित्र अग्नि के चारों ओर सात फेरे लिए। उसने उसके बालों में सिंदूर भी लगाया और मंगलसूत्र बांधकर विवाह की रस्म पूरी की।
सभी ने दूल्हे के प्यार और समर्पण की प्रशंसा की
इस दुर्लभ और मार्मिक विवाह ने सभी का ध्यान खींचा। इसे देखने वाले लोगों ने आदित्य के प्यार, साहस और प्रतिबद्धता की प्रशंसा की। यह कहानी अब सच्चे प्यार की एक खूबसूरत मिसाल के रूप में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है।