डाक विभाग की नई डिजिटल पहल: आधार आधारित बायोमेट्रिक KYC से खोलें बचत खाते
newzfatafat May 02, 2025 04:42 PM
डाक विभाग का डिजिटल इंडिया की दिशा में कदम

डाक विभाग (India Post) ने हाल ही में डिजिटल इंडिया के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, ग्राहक डाकघर की प्रमुख बचत योजनाओं जैसे पीपीएफ (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), मासिक आय योजना (MIS), समय जमा (TD), किसान विकास पत्र (KVP) और राष्ट्रीय बचत प्रमाणपत्र (NSC) को आधार आधारित बायोमेट्रिक e-KYC के माध्यम से पूरी तरह से डिजिटल तरीके से खोल सकते हैं। यह नई प्रक्रिया ग्राहकों के लिए न केवल सुविधाजनक है, बल्कि समय की भी बचत करती है।


डिजिटल और त्वरित प्रक्रिया

इस नई ऑनलाइन सेवा के तहत, ग्राहक अब किसी भी पोस्ट ऑफिस में बिना लाइन में खड़े हुए, अपने घर से ही इन बचत योजनाओं में खाता खोल सकते हैं। इसके लिए उन्हें केवल आधार नंबर और बायोमेट्रिक डेटा (जैसे फिंगरप्रिंट या आईरिस स्कैन) की आवश्यकता होती है। इस प्रक्रिया में कोई कागज़ी कार्यवाही नहीं करनी पड़ती और सब कुछ डिजिटल रूप में ही किया जाता है।


आधार बायोमेट्रिक सिस्टम का कार्यप्रणाली

जब ग्राहक किसी योजना में खाता खोलने का निर्णय लेते हैं, तो काउंटर पर पोस्टल असिस्टेंट (PA) एक विशेष सिस्टम मेन्यू के माध्यम से प्रक्रिया शुरू करते हैं। ग्राहक को अपना आधार नंबर प्रदान करना होता है, जिसके बाद उनका बायोमेट्रिक डेटा (फिंगरप्रिंट) स्कैन किया जाता है। यह स्कैनिंग UIDAI के सर्वर से जुड़ी होती है, जिससे ग्राहक की पहचान की पुष्टि होती है।


इसके बाद, पोस्टल असिस्टेंट द्वारा खाता खोलने के लिए आवश्यक जानकारी जैसे नाम, योजना का प्रकार, और जमा की जाने वाली राशि सिस्टम में दर्ज की जाती है। लेनदेन की पुष्टि के लिए ग्राहक का एक और फिंगरप्रिंट लिया जाता है, जो एक प्रकार की डिजिटल हस्ताक्षर प्रक्रिया होती है, जिससे ट्रांजैक्शन पूरी तरह से प्रमाणिक और सुरक्षित हो जाता है।


पे-इन वाउचर की आवश्यकता नहीं

इस ई-केवाईसी प्रक्रिया के तहत ग्राहकों को कोई पे-इन वाउचर भरने की आवश्यकता नहीं होती है। एसबी-ईकेवाईसी-एओएफ नामक फॉर्म में जो राशि दर्ज की जाती है, वही अंतिम राशि मानी जाती है। इससे न केवल प्रक्रिया सरल होती है, बल्कि दस्तावेजों की संख्या भी कम हो जाती है।


ऑनलाइन फॉर्म भरने की प्रक्रिया

इस पूरी प्रक्रिया के लिए ग्राहक को एक ऑनलाइन डिपॉजिट वाउचर और संबंधित फॉर्म भरना होता है। यह फॉर्म डिजिटल रूप में उपलब्ध रहता है और इसमें सभी संवेदनशील जानकारी जैसे आधार नंबर आंशिक रूप से छिपी होती है। यदि किसी फॉर्म में पूरा आधार नंबर दिखाई देता है, तो पोस्टमास्टर को निर्देश दिया गया है कि वे पहले 8 अंक मैन्युअली ब्लैकआउट कर दें।


डाक विभाग ने सभी पोस्ट ऑफिस और सीबीएस केंद्रों को यह निर्देश दिए हैं कि वे फिजिकल और डिजिटल दोनों दस्तावेजों पर आधार नंबर छिपाकर ही काम करें, ताकि ग्राहक की गोपनीयता बनी रहे।


बायोमेट्रिक लॉक/अनलॉक की सुविधा

ग्राहकों को यह भी सलाह दी गई है कि वे अपने आधार बायोमेट्रिक डेटा को सुरक्षा की दृष्टि से लॉक या अनलॉक कर सकते हैं। यह सुविधा UIDAI द्वारा प्रदान की जाती है और इसका उपयोग करने से यह सुनिश्चित होता है कि किसी भी अनधिकृत प्रयास से आपका बायोमेट्रिक डाटा सुरक्षित रहेगा।


डिजिटल इंडिया की दिशा में डाक विभाग का महत्वपूर्ण कदम

डाकघर की यह पहल "डिजिटल इंडिया" अभियान के तहत एक महत्वपूर्ण कदम है। पहले जहां इन बचत योजनाओं को खोलने के लिए ग्राहकों को कई बार पोस्ट ऑफिस जाकर कागज़ी प्रक्रिया पूरी करनी पड़ती थी, वहीं अब यह पूरा काम कुछ मिनटों में और पूरी पारदर्शिता के साथ हो रहा है।


निष्कर्ष

डाक विभाग की इस पहल से उन लाखों लोगों को लाभ मिलेगा जो पारंपरिक बचत योजनाओं में निवेश करना चाहते हैं लेकिन जटिल प्रक्रिया के कारण हिचकते थे। आधार बायोमेट्रिक आधारित डिजिटल KYC से अब हर कोई आसानी से और सुरक्षित रूप से पीपीएफ, सुकन्या समृद्धि, एमआईएस, एनएससी जैसे विकल्पों में खाता खोल सकता है। इस सुविधा से न केवल ग्राहक सशक्त होंगे, बल्कि पोस्ट ऑफिस की सेवाएं भी और आधुनिक तथा तेज होंगी।


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