मार्केट में आए दिन मिलावट का खेल चलता रहता है। जैसे ही किसी चीज की मांग बढ़ती है, वैसे ही उसमें मिलावट की संभावना भी तेजी से बढ़ जाती है। हाल ही में भारत में पनीर को सबसे ज्यादा मिलावटी खाद्य पदार्थ घोषित किया गया है। लेकिन अब पनीर, तेल, घी, फल-सब्जियों की तरह ही आइसक्रीम भी मिलावट का शिकार हो रही है। खासकर गर्मी के मौसम में जब आइसक्रीम की डिमांड अचानक बढ़ती है, तो इसे बनाने वाले कई दुकानदार और कंपनियां इसमें हानिकारक चीजें मिलाकर लोगों की सेहत से खिलवाड़ करने लगते हैं।
अब बाजार में मिलने वाली आइसक्रीम में सिंथेटिक दूध, डिटर्जेंट, यूरिया, नकली रंग और सैकरीन जैसे खतरनाक केमिकल मिलाए जा रहे हैं। ये केमिकल सस्ती और ज्यादा टिकाऊ आइसक्रीम तैयार करने के लिए मिलाए जाते हैं। लेकिन इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद नुकसानदेह हो सकता है। खासकर छोटे बच्चों और बुजुर्गों के लिए ये मिलावटी आइसक्रीम एक गंभीर खतरा बन सकती हैं। इसलिए यह जरूरी है कि हम मिलावटी आइसक्रीम की पहचान करना सीखें और सावधानी बरतें।
मिलावटी आइसक्रीम के नुकसान
मिलावटी आइसक्रीम सेहत को गहरा नुकसान पहुंचा सकती है। इसमें मौजूद केमिकल्स जैसे डिटर्जेंट और सैकरीन शरीर में कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकते हैं। कुछ प्रमुख नुकसान इस प्रकार हैं:
फूड प्वाइजनिंग: मिलावटी आइसक्रीम खाने से उल्टी-दस्त और पेट दर्द हो सकता है।
एलर्जी और स्किन रिएक्शन: नकली रंग या रसायनों से त्वचा पर रैशेज और एलर्जी हो सकती है।
लीवर व किडनी को नुकसान: लंबे समय तक इनका सेवन लिवर और किडनी फेलियर तक का कारण बन सकता है।
बच्चों और बुजुर्गों पर अधिक असर: बच्चों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती है, ऐसे में मिलावटी चीजें उन्हें जल्दी प्रभावित कर सकती हैं।
कैसे करें मिलावटी आइसक्रीम की पहचान?
अब सवाल उठता है कि बाजार में मिलने वाली आइसक्रीम असली है या नकली, इसे कैसे पहचाना जाए? नीचे दिए गए कुछ आसान और घरेलू उपाय आपकी मदद कर सकते हैं:
1. गर्म पानी टेस्ट
- एक चम्मच आइसक्रीम गर्म पानी में डालें।
- इसमें 2-3 बूंदें हाइड्रोक्लोरिक एसिड (HCL) की मिलाएं।
- अगर आइसक्रीम का रंग बदल जाए या गुलाबी-लाल हो जाए, तो समझ जाएं इसमें मिलावट है।
2. रब टेस्ट (रगड़ कर पहचानें)
- आइसक्रीम को उंगलियों के बीच रगड़ें।
- अगर उसमें साबुन जैसी चिकनाहट महसूस हो, तो इसमें डिटर्जेंट की मिलावट हो सकती है।
- असली आइसक्रीम स्मूद और मलाईदार होती है, नकली में क्रिस्टल या दानेदार अहसास होता है।
3. वॉटर टेस्ट
- एक ग्लास पानी लें और उसमें एक चम्मच आइसक्रीम डालें।
- असली आइसक्रीम पानी में धीरे-धीरे घुल जाएगी।
- नकली आइसक्रीम पानी में बुलबुले छोड़ने लगेगी या तैरने लगेगी, जिससे मिलावट का संकेत मिलता है।
4. गंध और स्वाद से पहचान
- अगर आइसक्रीम से तेज या रासायनिक गंध आ रही है, या इसका स्वाद बहुत मीठा, कड़वा या कृत्रिम लगे, तो यह मिलावटी हो सकती है।
- केमिकल वाली आइसक्रीम आमतौर पर मुंह में अजीब तरह की परत छोड़ती है।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
- कोशिश करें कि केवल ब्रांडेड और FSSAI (भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण) से प्रमाणित आइसक्रीम ही खरीदें।
- सड़क किनारे बिकने वाली या बहुत सस्ती आइसक्रीम से बचें।
- बच्चों को आइसक्रीम देते वक्त हमेशा उसकी गंध और बनावट पर ध्यान दें।