ग्रेटर नोएडा में जिला समाज कल्याण विभाग ने वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 82 लाभार्थियों की मृत्यु के बाद भी उनके बैंक खातों में पेंशन की रकम ट्रांसफर करना जारी रखा। शासन के निर्देश के बाद शुरू किए गए सत्यापन अभियान के दौरान यह गड़बड़ी सामने आई। विभाग ने अब उन बैंकों को पत्र लिखकर लेनदेन का ब्योरा मांगा है, जहां ये रकम ट्रांसफर की गई। मृतक लाभार्थियों के परिजनों ने न तो बैंक को और न ही विभाग को मौत की सूचना दी। गौतमबुद्ध नगर में वृद्धावस्था पेंशन योजना के तहत 14,881 व्यक्ति पंजीकृत हैं। लक्ष्य न बढ़ाए जाने के कारण कई पात्र आवेदकों के फार्म लंबित हैं। यह स्थिति प्रदेश के कई अन्य जिलों में भी है। पात्र लाभार्थियों को योजना का लाभ मिले, यह सुनिश्चित करने के लिए शासन ने सभी पंजीकृत पेंशनभोगियों के लिए सत्यापन अभियान चलाया। मृतक लाभार्थियों को सूची से हटाया जाएगा और उनके स्थान पर पात्र लंबित आवेदकों को जोड़ा जाएगा। विभाग ने एक अप्रैल से सत्यापन अभियान शुरू किया था। 28 अप्रैल तक 14,881 पंजीकृत पेंशनभोगियों में से 5,214 का सत्यापन पूरा हो चुका था। इनमें से 82 की मौत हो चुकी थी। उनकी मौत के बावजूद पिछले छह महीने से उनके खातों में पेंशन की रकम ट्रांसफर होती रही। 1,000 रुपये की तय मासिक पेंशन दर से इन मृतक व्यक्तियों के खातों में छह महीने में करीब 4.49 लाख रुपये भेजे गए। इसके बाद जिला समाज कल्याण विभाग ने संबंधित बैंकों से लेन-देन का ब्योरा मांगा है। विभाग ने जानकारी मांगी है कि लाभार्थी की मौत के बाद पेंशन की रकम निकाली गई या नहीं। जागरण डॉट कॉम ने जिला समाज कल्याण अधिकारी सतीश कुमार के हवाले से बताया, 'पंजीकृत पेंशनरों का सत्यापन भी छह महीने पहले किया गया था। मौजूदा सत्यापन दौर में मृत पाए गए लोगों की मौत पिछले सत्यापन के बाद हुई थी। मौजूदा प्रक्रिया के दौरान विभाग ने परिजनों से मौत की तारीख और अन्य प्रासंगिक जानकारियां जुटाई हैं। मृतक लाभार्थियों के खातों का बैंक स्टेटमेंट भी मांगा गया है। इन स्टेटमेंट के मिलान के बाद ही यह स्पष्ट हो पाएगा कि प्रत्येक मृतक व्यक्ति के खाते में कितने महीने की पेंशन जमा हुई।'