Chanakya Niti: आचार्य चाणक्य को एक कुशल राजनयिक और राजनीतिज्ञ माना जाता है। उनका मानना है कि वे जीवन की जटिलताओं को सुलझाने में मदद कर सकते हैं। चाणक्य अपनी रचनाओं में उम्र बढ़ने के विभिन्न पहलुओं पर भी चर्चा करते हैं।
उनके दिशा-निर्देश आज भी प्रासंगिक हैं।
चाणक्य ने कहा है कि सुखद जीवन के लिए शारीरिक स्वास्थ्य अत्यंत आवश्यक है।
भौतिक सुख के बिना जीवन नीरस हो जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि जो महिलाएं शारीरिक सुख का अनुभव नहीं करतीं, वे जल्दी बूढ़ी हो जाती हैं।
चाणक्य ने यह भी बताया कि जो लोग अधिक यात्रा करते हैं, वे भी जल्दी बूढ़े हो जाते हैं। इसके पीछे एक नियमित दिनचर्या की कमी को कारण बताया गया है।
उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान जीवन कठिन होता है, जिससे शरीर कमजोर पड़ता है और उम्र तेजी से बढ़ती है।
चूंकि लोग बंधे होते हैं, वे स्वतंत्रता से नहीं रह पाते और इससे विभिन्न समस्याएँ उत्पन्न होती हैं।
चाणक्य ने घोड़े के बारे में भी चर्चा की है, जिसमें उन्होंने कहा कि अगर घोड़ा जंजीरों में बंधा रहेगा, तो वह जल्दी बूढ़ा हो जाएगा।
पुरुषों को भी लचीला बने रहने के लिए आराम की आवश्यकता होती है।