नई दिल्ली। वक्फ संशोधन कानून के विरोध में दाखिल याचिकाओं पर अब सुप्रीम कोर्ट के अगले चीफ जस्टिस बी.आर. गवई की अध्यक्षता वाली बेंच सुनवाई करेगी। दरअसल आज सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई होनी थी मगर मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना ने कहा कि इसमें विस्तार से सुनवाई की जरूरत है, अब चूंकि सीजेआई खन्ना 13 मई को रिटायर हो रहे हैं इसलिए उन्होंने इस केस की सुनवाई के लिए 15 मई की तारीख तय कर दी। नए मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई 14 मई को शपथ ग्रहण करने के एक दिन बाद इस केस की सुनवाई करेंगे।
जस्टिस संजीव खन्ना ने कहा कि इस केस में हर किसी की बात को सुनना होगा और वक्फ संशोधन कानून की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर वो अपने कार्यकाल के अंतिम दौर में किसी तरह का कोई आदेश सुरक्षित नहीं रखना चाहते। जस्टिस खन्ना बोले, केस की सुनवाई जल्द ही होनी चाहिए लेकिन यह मेरे समक्ष नहीं होगी और इसी के साथ उन्होंने नई बेंच के पास केस को ट्रांसफर कर दिया। सीजेआई ने कहा कि हमने केंद्र के जवाबी हलफनामे पर फिलहाल बहुत गहराई से विचार नहीं किया है। केंद्र ने वक्फ संपत्तियों के संबंध में जो बिंदु उठाए हैं और जो विवादित आंकड़े दिए हैं, उन पर विचार करने की आवश्यकता है।
इससे पहले केंद्र सरकार ने कोर्ट में दिए अपने जवाबी हलफनामे में कहा था कि वक्फ संशोधन अधिनियम के विरोध में दायर सभी याचिकाओं को खारिज किया जाना चाहिए। सरकार ने दलील दी है कि गहन अध्ययन, विश्लेषण के आधार पर वक्फ में उन संशोधन को किया है जो जरूरी थे, इसके लिए सभी दलों की राय भी ली गई और उनकी आपत्तियों पर विचार के बाद संशोधन को अंतिम रूप दिया गया है। सरकार ने कहा कि कानून के वैधानिक प्रावधानों पर प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अदालत को रोक लगाने का अधिकार नहीं है।
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