जनरेटर में डिलीवरी और मोमबत्ती में NEET परीक्षा, अंधेरे और पानी में डूबा, ये कैसा स्मार्ट इंदौर, बारिश ने धोई व्यवस्था

बेमौसम बारिश ने स्मार्ट सिटी इंदौर की सारी व्यवस्थाओं को धूल चटा दी। कई घंटों तक बिजली गुल रही, कई पेड़ धराशायी हुए। यातायात पूरी तरह से ठप्प हो गया। कई पॉश कॉलोनियों में स्थित घरों तक में पानी भर गया। कई वाहन और घर क्षतिग्रस्त हो गए।
स्थिति यह थी कि राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2025), जो लाखों छात्रों के मेडिकल करियर का प्रवेश द्वार है, इंदौर के कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने के कारण मोमबत्ती की रोशनी में आयोजित हुई। कुल मिलाकर तीन घंटों की बारिश ने इंदौर की सारी व्यवसथाओं को धो डाला और यह साफ कर दिया कि इंदौर का विकास करने वाले और इसे स्मार्ट सिटी बनाने वाले प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधि अपने इस शहर को लेकर कितने लापरवाह हैं।
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अस्पतालों में जनरेटर पर डिलीवरी : इंदौर में रविवार की बारिश ने प्रशासन की व्यवस्था पर लोगों को शर्मसार कर दिया। तूफान, बारिश और बत्ती गुल ने शहर की व्यवस्था की ऐसी कलई खोली कि हर कोई बस देखते ही रह गया। स्थिति यह थी कि शहर के 6 सरकारी अस्पतालों में 4 से लेकर 10 घंटे तक बिजली गुल रही। एमवाय, सुपर स्पेशलिटी, एमटीएच, मनोरमा राजे टीबी अस्पताल, जिला अस्पताल और पीसी सेठी अस्पताल जनरेटर के भरोसे रहे। यहां कई अस्पतालों में जनरेटर की रोशनी में बच्चों की डिलिवरी की गई।
कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल : इंदौर में रविवार को एक राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा (NEET UG 2025) आयोजित की गई थी, जिसमें लाखों छात्र मेडिकल में करियर बनाने के लिए बैठे थे। लेकिन इंदौर के कई परीक्षा केंद्रों पर बिजली गुल होने के कारण यह परीक्षा मोमबत्ती के उजाले में आयोजित हुई। प्रशासनिक की इस लापरवाही ने मध्यप्रदेश विद्युत मंडल (MPEB) की अक्षमता पर कई सवाल उठा डाले।
न जनरेटरख् न इर्न्वटर न मोमबत्ती : कई केंद्रों पर घंटों तक बिजली नहीं आई। आलम यह था कि बैकअप के तौर न तो जनरेटर उपलब्ध थे और न ही इनवर्टर। यहां तक कि मोमबत्ती भी आधे घंटे बाद उपलब्ध हो सकीं। कई छात्र निराश होकर और प्रशासन की व्यवस्था को कोसते हुए सेंटर से बाहर निकले। इंदौर के गवर्नमेंट आर्ट्स एंड कॉमर्स कॉलेज (जीएसीसी), होलकर साइंस कॉलेज और सेंट्रल स्कूल जैसे परीक्षा सेंटरों पर यह अव्यवस्था देखी गई।
पूरी रात समेटते रहे अव्यवस्थाओं का मलबा : पूरा शहर तूफान और बारिश की ऐसी जद में आया कि कहीं शहर के चौराहे लबालब हो गए तो कहीं घंटों तक वाहन फंसे रहे। कल दोपहर से गई लाइट सोमवार तक भी नहीं लौटी। सड़कों पर लदे पेड़ों को काटने का काम रातभर चलता रहा। कुल मिलाकर पूरी रात तूफान से पसरी अव्यवस्था को प्रशासन समेटता रहा।
ये कैसे स्मार्ट सिटी : स्मार्ट सिटी के नाम पर लंबे समय से इंदौर में डेवलेपमेंट चल रहा है, लेकिन जिस तरह से सड़कों पर पानी जमा हुआ, छज्जे उड़ गए, कई घंटों तक बिजली गुल रही, शेड, होर्डिंग टूट कर गिर गए और पेड़ धराशायी हो गए उसे देखकर लगता है कि प्रशासन विकास के नाम पर इंदौर की जनता से छल कर रहा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने सोशल मीडिया पर इस मुद्दे को उठाते हुए लिखा— मोहन सरकार की व्यवस्थाएं ऐसी हैं कि कड़ी मेहनत करने वाले विद्यार्थी सिस्टम की नाकामी से आंसू बहाने को मजबूर हैं।
रातभर में हजारों शिकायतें : लोग कहते रहे कि AI और टेक्नोलॉजी के युग में हमारे बच्चे मोमबत्ती जलाकर परीक्षा दे रहे हैं। यह बिजली विभाग की विफलता का जीता-जागता सबूत है। रातभर बिजली नहीं होने की शिकायतें विद्युत कंपनी को की गई। रिपोर्ट के मुताबिक हजारों शिकायतें की गई। जगह जगह फॉल्ट और शॉर्ट सर्किट की घटनाएं सामने आईं। स्थिति यह थी कि करीब ढाई से तीन घंटे की बारिश ने आधे शहर की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी। करीब ढाई इंच बारिश में शहर डूब गया। इस दौरान इंदौर प्रशासन, नगर निगम और बिजली विभाग की कलई पूरी तरह खुल गई।
प्रशासन का रवैया: जवाबदेही का अभाव : परीक्षा आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) और जिला प्रशासन ने इस मामले पर अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। स्थानीय मीडिया के अनुसार, कुछ अधिकारियों ने इसे "अप्रत्याशित स्थिति" करार दिया, लेकिन छात्रों और अभिभावकों का गुस्सा इस जवाब से और भड़क गया। सोशल मीडिया पर #NEET2025 और #IndorePowerFailure जैसे हैशटैग ट्रेंड कर रहे हैं, जहाँ लोग प्रशासन और सरकार की आलोचना कर रहे हैं।
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मई भारी बारिश
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ओलावृष्टि की चेतावनी
: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 5 मई 2025 तक भोपाल, इंदौर, ग्वालियर, उज्जैन और 36 से अधिक जिलों में भारी बारिश, ओलावृष्टि और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की है। चक्रवाती हवाओं और पश्चिमी विक्षोभ के कारण मौसम में यह उथल-पुथल देखी जा रही है। 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार से हवाएं चलने और बिजली गिरने की आशंका ने लोगों को सतर्क कर दिया है।
Edited By: Navin Rangiyal