बेहद खतरनाक होती है पेट की चर्बी? पास बुलाती हैं हजारों बीमारियां
GH News May 06, 2025 12:06 PM

Belly Fat Side Effects: पेट की चर्बी शरीर में कई रोग पैदा कर सकती है. शरीर के बारी हिस्सों में मौजूद मोटापा भी बैली फैट के आगे बेकार है. बैली फैट शरीर के लिए काफी नुकसानदायक है.

Belly Fat Harmful Effects: मोटापा आजकल सबसे बड़ी समस्या बन चुका है. इसको कम करने के लिए लोग पता नहीं क्या क्या उपाय कर रहे हैं. फिर भी उनकी चर्बी कम नहीं होती. मोटापा सिर्फ पेट में नहीं होता, बल्कि यह ज्यादा बढ़ने पर आपके हाथों-पैरों और चेहरे पर भी आ जाता है. बता दें कि पेट की चर्बी, जिसे आंत की चर्बी भी कहा जाता है, न सिर्फ़ आपके लुक को ख़राब करती है, बल्कि ये आपके स्वास्थ्य के लिए भी बेहद ख़तरनाक है. हाथ-पैर के मोटापे की तुलना में पेट की चर्बी ज़्यादा ख़तरनाक क्यों है, आइए जानते हैं इसके पीछे के कुछ अहम कारण.

पेट का मोटापा क्यों है इतना खतरनाक?

1. आंतों के पास जमा होती है ये चर्बी

पेट की चर्बी सीधे आपके आंतों और अंगों के आस-पास जमा होती है. ये चर्बी आपके शरीर के अंदरूनी हिस्सों पर ज़्यादा असर डालती है. जबकि हाथ-पैर की चर्बी त्वचा के नीचे जमा होती है और उतनी ख़तरनाक नहीं होती.

2. बीमारियों का ख़तरा बढ़ जाता है

पेट की चर्बी बढ़ने से टाइप 2 डायबिटीज़, हृदय रोग, स्ट्रोक, हाई ब्लड प्रेशर और कुछ तरह के कैंसर का ख़तरा बढ़ जाता है. ये बीमारियाँ आपके जीवन के लिए बेहद ख़तरनाक साबित हो सकती हैं.

3. मेटाबॉलिज़्म पर असर

पेट की चर्बी आपके मेटाबॉलिज़्म को भी प्रभावित करती है. इससे इंसुलिन बनने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है, जिससे शरीर के लिए ब्लड शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल हो जाता है.

4. सूजन को बढ़ावा देती है

पेट की चर्बी कुछ ऐसे हार्मोन्स रिलीज़ करती है जो शरीर में सूजन को बढ़ावा देते हैं. ये सूजन कई गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है.

5. लुक्स को खराब करे

आपके शरीर का साइज़ चाहे जो भी हो, अगर आपके पेट पर ज़्यादा चर्बी है तो यह आपके लुक्स को खराब करती है. इससे आप कम उम्र में ही ज्यादा उम्र के लगने लगते हैं.

पेट के मोटापे को कम करने के उपाय

पेट का मोटापा, जिसे अक्सर “टमी फैट” कहा जाता है. इसको कम करने के लिए कई प्रभावी उपाय हैं, जिनमें आहार, व्यायाम, और जीवनशैली में बदलाव शामिल हैं.

  • सही आहार
  • नियमित व्यायाम
  • पर्याप्त नींद लेना
  • अधिक फल और सब्जियां खाएं
  • स्ट्रैस कम लें

नोट: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है. इसे केवल सुझाव के तौर पर लें. इस तरह की किसी भी जानकारी पर अमल करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें. (Photo Credit- Printerest)

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