गूगल का नया परफॉर्मेंस सिस्टम: टॉप परफॉर्मर्स को मिलेगा बड़ा रिवॉर्ड, बाकी कर्मचारियों के लिए टाइट होंगे नियम
Navyug Sandesh Hindi May 06, 2025 06:42 PM

गूगल ने अपने कर्मचारियों के परफॉर्मेंस इवेलुएशन सिस्टम में बड़ा बदलाव करने का फैसला किया है, जो 2026 से लागू होगा। इस बदलाव के बाद कुछ कर्मचारियों को पहले के मुकाबले कम बोनस और स्टॉक पैकेज मिल सकते हैं, जबकि बेहतरीन प्रदर्शन करने वालों को ज्यादा इनाम दिए जाएंगे। कंपनी का यह कदम टॉप टैलेंट को बढ़ावा देने और औसत प्रदर्शन वालों के लिए भुगतान सीमित करने के मकसद से उठाया गया है।

कर्मचारियों को इमेल से दी जानकारी

बिजनेस इनसाइडर की रिपोर्ट के अनुसार, गूगल के ग्लोबल कंपेंसेशन एंड बेनिफिट्स के वाइस प्रेसिडेंट जॉन केसी ने एक इमेल के जरिए यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अब मैनेजर्स ज्यादा कर्मचारियों को ‘आउटस्टैंडिंग इंपैक्ट’ रेटिंग दे सकेंगे, जो गूगल की टॉप परफॉर्मेंस कैटेगरी में से एक है। इसका मतलब है कि अब जो कर्मचारी शानदार प्रदर्शन करेंगे, उन्हें पहले से ज्यादा बोनस और स्टॉक ग्रांट दिए जाएंगे।

मिड परफॉर्मर्स की ग्रोथ होगी सीमित

हालांकि इस बदलाव को बजट में इजाफा किए बिना लागू किया जाएगा। इसका असर उन कर्मचारियों पर पड़ेगा जो “सिग्निफिकेंट इंपैक्ट” या “मॉडरेट इंपैक्ट” जैसी मिड कैटेगरी में आते हैं। केसी ने कहा कि सिग्निफिकेंट इंपैक्ट रेटिंग अच्छी बनी रहेगी, लेकिन इसकी फाइनेंशियल वैल्यू पहले से कम हो जाएगी।

अच्छे प्रदर्शन करने वालों को मिलेगा अलग बोनस

गूगल ने यह भी बताया कि मैनेजर्स के पास एक अलग बजट होगा जिससे वे उन कर्मचारियों को भी रिवॉर्ड दे सकेंगे जो लगातार अच्छा प्रदर्शन करते हैं, भले ही वे टॉप रेटिंग में न आते हों। इससे मेहनती कर्मचारियों को प्रोत्साहन मिलेगा।

GRAD सिस्टम में होगा बदलाव

गूगल का मौजूदा परफॉर्मेंस रिव्यू सिस्टम GRAD (Googler Reviews and Development) पांच स्तरों पर काम करता है: “Not Enough Impact” से लेकर “Transformative Impact” तक। अब तक बहुत कम कर्मचारी टॉप दो कैटेगरी तक पहुंच पाते थे, लेकिन नए सिस्टम में टॉप परफॉर्मर्स को ऊपर जाने का ज्यादा मौका मिलेगा।

गूगल ने कहा कि यह बदलाव इसलिए जरूरी हैं क्योंकि कंपनी AI और क्लाउड कंप्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ रही है। इसके लिए उसे ऐसे टैलेंट चाहिए जो उच्च स्तर का प्रदर्शन कर सकें। यह ट्रेंड सिर्फ गूगल तक सीमित नहीं है; माइक्रोसॉफ्ट और मेटा जैसी कंपनियां भी परफॉर्मेंस बेस्ड कल्चर को तेजी से अपना रही हैं।

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