भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तानी आतंकवादियों के खिलाफ चलाए गए ऑपरेशन सिंदूर का शेयर बाजार पर गहरा प्रभाव पड़ा है। इस कार्रवाई के चलते पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी गिरावट आई है, जिसमें कराची स्टॉक इंडेक्स में लगभग 6 प्रतिशत की कमी देखी गई। शुरुआती कारोबार में KSE-100 में 6272 अंकों की गिरावट आई, जिससे यह 107,296.64 पर पहुंच गया। एक दिन पहले यह 113,568.51 पर बंद हुआ था।
वहीं, भारतीय शेयर बाजार ने रेड जोन में खुलने के बाद तुरंत सुधार दिखाया। इस स्थिति ने यह सवाल उठाया है कि ऑपरेशन सिंदूर ने भारतीय बाजार को कैसे मजबूती दी, जबकि पाकिस्तान का बाजार इस तरह से प्रभावित हुआ।
भारतीय बाजार की मजबूती
विशेषज्ञों का मानना है कि विदेशी निवेशक भारतीय बाजार में विश्वास के साथ खड़े हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. विजय कुमार के अनुसार, यह ऑपरेशन उकसाने वाला नहीं था। पिछले 14 सत्रों में विदेशी संस्थागत निवेशकों ने भारतीय शेयरों में 43,940 करोड़ रुपये का निवेश किया है। भूराजनीतिक तनाव के बावजूद, उन्होंने भारतीय बाजार पर भरोसा जताया है। भारत की मजबूत अर्थव्यवस्था और कमजोर चीन तथा अमेरिका की आर्थिक स्थिति ने भी इस विश्वास को बढ़ाया है।
हालांकि, बाजार में सुधार के बावजूद निवेशकों के मन में व्यापारिक तनाव और अमेरिकी फेडरल रिजर्व की नीति को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं।
पाकिस्तान का बाजार संकट में
दूसरी ओर, पाकिस्तान के शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल है। 23 अप्रैल के बाद से इसमें 9,930 अंकों की गिरावट आई है। कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले में 26 पर्यटकों की मौत हुई थी, जिसका संबंध पाकिस्तान से पाया गया। इसके बाद भारत ने सार्क वीजा में छूट को रद्द करने, पाकिस्तान के राजनयिकों की संख्या कम करने और सिंधु जल समझौते को रद्द करने का निर्णय लिया।
22 अप्रैल के पहलगाम आतंकी हमले के बाद, 24 अप्रैल को कराची स्टॉक एक्सचेंज का KSE-100 इंडेक्स कारोबार शुरू होते ही 2,485 अंक टूट गया।