Triphala Churan: ज्यादा मात्रा में खाने से हो सकते हैं ये 5 खतरनाक नुकसान – ओवरडोज़ से पहले जरूर जानें! – जरूरी खबर
sabkuchgyan May 08, 2025 08:25 AM

Triphala Churan

Triphala Churan, जो आमला, बिभीतकी और हरड़ के समान अनुपात में मिलाकर तैयार किया जाता है, आयुर्वेद में एक अत्यंत प्रभावशाली औषधि मानी जाती है। इसमें लेक्सेटिव, एंटी हाइपरटेंसिव, एंटी बैक्टीरियल और एंटी इंफ्लेमेटरी गुण मौजूद होते हैं। पाचनतंत्र को मजबूत बनाने और शरीर को डिटॉक्स करने में उपयोगी यह चूरन वेट लॉस, डाइजेशन और इम्यूनिटी बूस्ट में भी फायदेमंद है। लेकिन यदि इसे जरूरत से ज्यादा मात्रा में लिया जाए, तो यह फायदे की जगह शरीर को गंभीर नुकसान भी पहुंचा सकता है।

Triphala Churan के फायदों के साथ छिपे हैं कुछ जोखिम

डायटीशियन श्वेता शाह के अनुसार, त्रिफला शरीर से टॉक्सिन निकालने और पाचन को दुरुस्त रखने के लिए बेहद उपयोगी होता है। मगर इसका अत्यधिक सेवन शरीर में वात दोष को असंतुलित कर देता है। इससे शरीर में सूखापन, गैस, ब्लोटिंग, डायरिया और कमजोरी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसलिए त्रिफला का सेवन सीमित मात्रा और विशेषज्ञ की सलाह से ही किया जाना चाहिए।

जैविक यौगिकों से भरपूर है त्रिफला

ResearchGate में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, त्रिफला में टैनिन, गैलिक एसिड, चेबुलजिक एसिड और चेबुलिनिक एसिड जैसे बायोलॉजिकल कंपाउंड्स मौजूद होते हैं। चेबुलजिक एसिड एक शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट है। त्रिफला शरीर को विटामिन C भी प्रदान करता है, जो इम्यून सिस्टम के लिए आवश्यक है। लेकिन इसके इन्हीं सक्रिय तत्वों के कारण ओवरडोज़ शरीर को नुकसान भी पहुंचा सकता है।

त्रिफला ओवरडोज़ के दुष्परिणाम (Side Effects of Triphala)

त्रिफला की माइल्ड लेक्सेटिव प्रॉपर्टी के कारण इसे लंबे समय तक और अधिक मात्रा में लेने से डाइजेस्टिव ट्रैक्ट पर असर पड़ सकता है। इससे इनडाइजेशन, गैस, दस्त और ब्लोटिंग की समस्या बढ़ जाती है। ऐसे लक्षण पेट की मांसपेशियों और मेटाबॉलिज्म को नुकसान पहुंचाते हैं।

इसके अलावा, इसके अत्यधिक सेवन से शरीर में पानी की कमी यानी डिहाइड्रेशन हो सकता है, जिससे इलेक्ट्रोलाइट इंबैलेंससिरदर्द, थकान, मांसपेशियों में कमजोरी और पेट दर्द जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

गर्भवती महिलाओं के लिए जोखिम भरा

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अनुसार, गर्भावस्था के दौरान त्रिफला या किसी भी हर्बल औषधि का सेवन बच्चे की ग्रोथ पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकता है। हर्ब्स में मौजूद तत्व ब्लड थिनिंग का कारण बन सकते हैं, जिससे मिसकैरेज का खतरा रहता है। इसलिए गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं को त्रिफला से परहेज़ करना चाहिए।

एलर्जी और स्किन रिएक्शन का भी खतरा

कई लोगों को त्रिफला से स्किन एलर्जी, रैशेज़, खुजली और सांस लेने में परेशानी की शिकायत होती है। संवेदनशील त्वचा वाले लोगों को इसके सेवन से जलन और त्वचा पर लालिमा की आशंका हो सकती है।

लो ब्लड प्रेशर वाले रहें सावधान

त्रिफला में मौजूद टैनिन और सोर्बिटोल जैसे कंपाउंड्स ब्लड प्रेशर को कम कर सकते हैं। जो लोग पहले से ही लो ब्लड प्रेशर की समस्या से जूझ रहे हैं, उनके लिए यह और भी घातक हो सकता है। इससे चक्कर, थकावट और शारीरिक कमजोरी बढ़ सकती है।

त्रिफला की सुरक्षित खुराक क्या होनी चाहिए

त्रिफला का सेवन रात को सोने से पहले एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ करना लाभकारी होता है। लेकिन इसे रोज़ाना लेने की बजाय सप्ताह में 2-3 बार तक सीमित रखना बेहतर है। पाचन संबंधित समस्याओं से जूझ रहे लोगों को इसके रोज़ाना सेवन से बचना चाहिए। शरीर को डिटॉक्स करने के लिए इसे शहद या गर्म घी में मिलाकर भी लिया जा सकता है।

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