रोहित शर्मा का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास: भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान रोहित शर्मा ने 7 मई को टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास की घोषणा कर सभी को हैरान कर दिया। इस निर्णय के बाद कई लोग यह सोचने लगे कि क्या बीसीसीआई का उन पर कोई दबाव था। हालांकि, बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने इन अटकलों को खारिज करते हुए स्पष्ट किया कि यह रोहित का व्यक्तिगत निर्णय था और बोर्ड ने उन पर कोई दबाव नहीं डाला।
रोहित का अचानक टेस्ट क्रिकेट छोड़ने का निर्णय फैंस के लिए एक बड़ा झटका था। इस पर बीसीसीआई के उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला ने महत्वपूर्ण बयान दिया है।
राजीव शुक्ला ने एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि रोहित शर्मा ने खुद टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा, “रोहित के टेस्ट क्रिकेट से संन्यास का निर्णय पूरी तरह से उनका अपना है। हम इस फैसले का स्वागत करते हैं। बीसीसीआई की नीति है कि जो खिलाड़ी संन्यास लेना चाहते हैं, उन पर हम कोई दबाव नहीं डालते और न ही कोई सुझाव देते हैं।”
शुक्ला ने रोहित की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में अद्भुत योगदान दिया है। “रोहित एक महान बल्लेबाज हैं। उनकी प्रशंसा की जाए तो भी कम है। अच्छी बात यह है कि वे अभी भी वनडे क्रिकेट का हिस्सा हैं। भारतीय टीम उनके अनुभव और कौशल का लाभ उठाएगी। हम उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं देते हैं।”
रोहित शर्मा ने 67 टेस्ट मैचों में 4301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 88 छक्के शामिल हैं। उनकी कप्तानी में भारत ने 24 टेस्ट मैच खेले, जिनमें से 12 में जीत और 9 में हार मिली। रोहित ने 2013 में कोलकाता में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट क्रिकेट में पदार्पण किया था और अपनी पहली पारी में 177 रन बनाकर सभी का ध्यान खींचा था। 2019 में सलामी बल्लेबाज के रूप में उनकी वापसी ने उनके टेस्ट करियर को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।