वी. डी. सावरकर के पोते सत्यकी सावरकर ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ मानहानि का एक आपराधिक मामला दर्ज किया है। यह शिकायत शुक्रवार को पुणे की विशेष अदालत में पेश की गई, जिसमें सत्यकी ने आरोप लगाया कि राहुल जानबूझकर अदालत की कार्यवाही से बच रहे हैं और मामले में जानबूझकर देरी कर रहे हैं।
सत्यकी सावरकर के वकील संग्राम कोल्हटकर ने यह याचिका पुणे की सांसदों और विधायकों के मामलों की विशेष अदालत में दायर की। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के वकील मिलिंद पवार ने सुनवाई को टालने का अनुरोध किया, यह कहते हुए कि उन्हें शिकायतकर्ता से सभी दस्तावेजों का अध्ययन करने का समय नहीं मिला। इस पर सावरकर पक्ष ने आपत्ति जताई और इसे अदालत की प्रक्रिया में जानबूझकर देरी बताया।
कोल्हटकर ने अदालत को बताया कि शुक्रवार को राहुल गांधी की जमानत याचिका पर सुनवाई होनी थी, लेकिन आरोपी जानबूझकर अनुपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि अदालत ने जमानत की एक शर्त रखी थी कि राहुल गांधी कार्यवाही को टालने का प्रयास नहीं करेंगे और उनके वकील हर तारीख पर उपस्थित रहेंगे। शिकायत में अदालत से अनुरोध किया गया है कि राहुल गांधी की जमानत रद्द की जाए और उनकी व्यक्तिगत उपस्थिति सुनिश्चित की जाए।
शिकायत के अनुसार, मार्च 2023 में लंदन में दिए गए एक भाषण में राहुल गांधी ने दावा किया था कि विनायक दामोदर सावरकर ने अपनी किताब में लिखा है कि उन्होंने और उनके कुछ साथियों ने एक मुस्लिम व्यक्ति की पिटाई की थी और इस घटना से उन्हें खुशी हुई थी। सत्यकी सावरकर ने इसे पूरी तरह से निराधार बताया और कहा कि सावरकर ने ऐसा कोई बयान न तो कभी दिया और न ही लिखा।
शिकायतकर्ता का कहना है कि राहुल गांधी का यह बयान सावरकर की छवि को धूमिल करने का प्रयास है, जो स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले ऐतिहासिक व्यक्तित्व रहे हैं। सावरकर परिवार का मानना है कि यह बयान ऐतिहासिक तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर जनता को भ्रमित करने की कोशिश है।
यह ध्यान देने योग्य है कि अदालत पहले ही राहुल गांधी को व्यक्तिगत रूप से सुनवाई में उपस्थित होने से स्थायी छूट दे चुकी है। हालांकि, शिकायतकर्ता पक्ष इस छूट से असंतुष्ट है और अदालत से मांग कर रहा है कि चूंकि गांधी बार-बार प्रक्रिया से बचने की कोशिश कर रहे हैं, इसलिए उनकी जमानत रद्द की जाए।