बंबई उच्च न्यायालय ने राजकुमार राव अभिनीत फिल्म ‘भूल चूक माफ’ को पीवीआर आईनॉक्स सिनेमाघरों में रिलीज के बाद आठ हफ्ते के लिए ओटीटी या किसी अन्य मंच पर प्रदर्शित करने पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है।
‘मल्टीप्लेक्स चेन’ ने भारत-पाकिस्तान सैन्य संघर्ष के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा चिंता बढ़ जाने के कारण सिनेमाघरों के बजाय ओटीटी पर इसे रिलीज करने के निर्माताओं के फैसले को अदालत में चुनौती दी थी।
पीवीआर आईनॉक्स ने निर्माता मैडॉक फिल्म्स पर अनुबंध का उल्लंघन करने का आरोप लगाया।
छह मई को दोनों के बीच हुए समझौते के तहत यह फिल्म नौ मई को देशभर में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। इसी के साथ इस समझौते में यह भी कहा गया था कि उसे उसके बाद आठ हफ्ते तक ओटीटी या किसी अन्य मंच पर रिलीज नहीं किया जाएगा।
पीवीआर आईनॉक्स के वकील दिनयार मदोन ने दलील दी कि लेकिन निर्माताओं ने रिलीज से ठीक एक दिन पहले समझौता समाप्त कर दिया और 16 मई को ओटीटी रिलीज करने की घोषणा कर दी।
मैडॉक के वकील वेंकटेश धोंड ने कहा कि आठ सप्ताह का ‘स्थगन’ उपबंध केवल तभी लागू होगा जब फिल्म सिनेमाघरों में रिलीज होगी।
न्यायमूर्ति आरिफ डॉक्टर की पीठ ने शुक्रवार को कहा कि पीवीआर आईनॉक्स ने फिल्म का प्रचार करके, स्क्रीन आरक्षित करके और अपने उपभोक्ताओं को टिकट देकर अपने दायित्वों को पूरा किया है लेकिन अचानक रद्द करने से इसकी ‘प्रतिष्ठा और साख प्रभावित’ होगी।
एक अंतरिम आदेश में उच्च न्यायालय ने मैडॉक फिल्म्स को पीवीआर सिनेमाघरों में इसके रिलीज के आठ सप्ताह बाद तक किसी भी मंच पर फिल्म रिलीज करने से रोक दिया।
उच्च न्यायालय ने मामले की अगली सुनवाई 16 जून को तय की है और मैडॉक को इस बीच अपना जवाब दाखिल करने को कहा है।