मध्यप्रदेश में मौसम का मिजाज: बारिश और आंधी का अलर्ट
Gyanhigyan May 12, 2025 05:42 AM
मध्यप्रदेश में मौसम में बदलाव

भोपाल का मौसम आज: मध्यप्रदेश में मौसम ने एक बार फिर से करवट ली है। शनिवार को कुछ जिलों में तेज धूप और उमस ने लोगों को परेशान किया, लेकिन दोपहर के बाद अचानक काले बादल छा गए और बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग ने अगले कुछ घंटों के लिए एक बड़ा अलर्ट जारी किया है।

बारिश और तेज हवाओं का असर
शनिवार को भिंड, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, राजगढ़, उज्जैन, इंदौर, नर्मदापुरम, हरदा, बैतूल, छिंदवाड़ा, बुरहानपुर, विदिशा, सागर, दमोह, मंडला, डिंडोरी, अनूपपुर, उमरिया, शहडोल, सिंगरौली, सिवनी, पन्ना, छतरपुर, जबलपुर और पांढुर्णा जैसे जिलों में बारिश हुई।

विशेष रूप से सिंगरौली में 56 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चली, जिससे कई स्थानों पर पेड़ गिरने और बिजली आपूर्ति बाधित होने की घटनाएं सामने आई हैं।

पचमढ़ी में हुई 30 मिमी बारिश
नर्मदापुरम के पचमढ़ी में 30 मिमी बारिश दर्ज की गई, जिससे ठंडक का अनुभव हुआ। वहीं, अन्य जिलों में भी रुक-रुक कर बारिश होती रही। बादल छंटने के बाद तापमान में गिरावट आई, लेकिन उमस बनी रही।

53 जिलों में गरज-चमक के साथ बारिश का अलर्ट
मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि भोपाल, ग्वालियर, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर संभाग के 53 जिलों में अगले 24 घंटे में गरज-चमक और बारिश हो सकती है। शिवपुरी, आगर, शहडोल और अनूपपुर में विशेष रूप से तेज बारिश की संभावना है। विभाग ने इन क्षेत्रों के लिए येलो अलर्ट जारी किया है।

आकाशीय बिजली और तेज हवा का खतरा
अगले कुछ घंटों में कई जिलों में आकाशीय बिजली गिरने और 30–50 किमी/घंटा की रफ्तार से हवा चलने की आशंका है। लोगों को सलाह दी गई है कि वे खुले मैदान, बिजली के खंभों और पेड़ों से दूर रहें, और सुरक्षित स्थानों में शरण लें।

किसानों और यात्रियों के लिए चेतावनी
बारिश और हवा की तीव्रता को देखते हुए किसानों को सलाह दी गई है कि वे खेतों में अनावश्यक रूप से न जाएं। वहीं, यात्रियों को भी आवश्यक होने पर ही यात्रा करने की सलाह दी गई है। प्रशासन ने नगर निगम और पंचायतों को जलभराव और तूफान से निपटने के लिए अलर्ट मोड में रखा है।

सतर्क रहें, सुरक्षित रहें
मध्यप्रदेश में मानसून की इस नई लहर ने राहत और खतरे दोनों का सामना कराया है। जहां बारिश ने गर्मी से राहत दी है, वहीं तेज हवा और वज्रपात का खतरा अब भी बना हुआ है। प्रशासन की चेतावनियों पर ध्यान दें और अनावश्यक जोखिम से बचें.


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