दिल्ली में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बन चुकी है, जो न केवल स्वास्थ्य पर असर डालती है, बल्कि जीवन की गुणवत्ता को भी प्रभावित करती है। हाल के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) कई बार खतरनाक स्तर तक पहुंच चुका है।
विशेषज्ञों का मानना है कि इस समस्या के पीछे कई कारण हैं, जैसे कि वाहनों की बढ़ती संख्या, निर्माण कार्य, और औद्योगिक उत्सर्जन। इसके अलावा, सर्दियों में धुंध और जलवायु परिवर्तन भी प्रदूषण को बढ़ाने में योगदान देते हैं।
प्रदूषण का स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव पड़ता है, जिसमें सांस की बीमारियाँ, हृदय रोग, और अन्य स्वास्थ्य समस्याएँ शामिल हैं। बच्चों और बुजुर्गों पर इसका असर अधिक होता है।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि लोगों को बाहर निकलते समय मास्क पहनना चाहिए और जब संभव हो, तो घर के अंदर रहना चाहिए।
दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को कम करने के लिए कई उपाय किए हैं, जैसे कि ऑड-ईवन योजना और सार्वजनिक परिवहन को बढ़ावा देना। इसके अलावा, वृक्षारोपण और स्वच्छता अभियानों का आयोजन भी किया जा रहा है।
हालांकि, इन उपायों को प्रभावी बनाने के लिए नागरिकों की भागीदारी भी आवश्यक है।