जमीनी स्तर पर अभियानों के प्रभावों को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि 2014 में सर्वाधिक नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 35 थी जो 2025 में अब घटकर छह रह गई है। वहीं इस अवधि में नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या 126 से घटकर 18 हो गई है।
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उन्होंने कहा, 2014 में हिंसक घटनाओं की संख्या 1,080 थी, जो 2024 में घटकर 374 हो गई। 2014 में नक्सली हिंसा में मारे गए सुरक्षाकर्मियों की संख्या 287 थी, जो 2024 में घटकर 19 हो गई। इस अवधि के दौरान ढेर किए गए नक्सलियों की संख्या 2089 तक पहुंच गई है।
सिंह ने बताया कि 2024 में 928 नक्सली सुरक्षाबलों के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुके हैं, जबकि इस साल अब तक 718 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। सुरक्षा बल नक्सलियों को उनके ठिकानों से खदेड़ने की कोशिश कर रहे हैं। इन इलाकों में अब तक 320 नए सुरक्षा शिविर स्थापित किए गए हैं, इसके अलावा रात में लैंडिंग के लिए 68 हेलीपैड भी बनाए गए हैं।
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सीआरपीएफ महानिदेशक कहा, हम निरंतर और कठोर अभियानों के माध्यम से 31 मार्च 2026 तक नक्सलवाद को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour