UPSC सफलता की कहानी: जब हौसले मजबूत होते हैं, तो मुश्किलें भी पीछे हट जाती हैं। यह सच साबित किया है तमिलनाडु के कडलुर जिले की दो बहनों ने, जिनका नाम है ईश्वर्या रामनाथन और सुष्मिता रामनाथन।
इन दोनों ने अपनी मेहनत से यूपीएससी (UPSC) जैसी चुनौतीपूर्ण परीक्षा को न केवल पास किया, बल्कि एक प्रेरणा भी बनीं। ये बहनें एक किसान परिवार से हैं, लेकिन उन्होंने कभी भी संसाधनों की कमी को अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया।
एक IAS और दूसरी IPS बनीं
सुष्मिता रामनाथन का सफर आसान नहीं था। 2022 में उन्होंने अपने छठे प्रयास में UPSC पास किया और 528वीं रैंक हासिल की। यह यात्रा किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं थी। पांच बार असफल होने के बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी।
कई बार ऐसा लगा कि अब नहीं होगा, लेकिन उन्होंने खुद से कहा कि अभी तो शुरुआत है और अपनी तैयारी जारी रखी। उनकी मेहनत रंग लाई और आज वे गर्वित IPS अधिकारी हैं।
वहीं, ईश्वर्या रामनाथन, जो सुष्मिता की बड़ी बहन हैं, ने भी UPSC परीक्षा दी और पहले प्रयास में 630वीं रैंक प्राप्त की। लेकिन उन्होंने और बेहतर करने का निर्णय लिया और दोबारा परीक्षा दी, जिसमें 44वीं रैंक के साथ IAS अधिकारी बन गईं।
22 साल की उम्र में IAS बनना कोई साधारण बात नहीं है। आज वे थुथुकुडी जिले में अतिरिक्त कलेक्टर के रूप में कार्यरत हैं। सच में, ये दोनों बहनें सुपर सिस्टर्स हैं।
सफर आसान नहीं था
इन दोनों बहनों का सफर बिल्कुल भी सरल नहीं था। 2004 में आई सुनामी ने उनका घर बर्बाद कर दिया था। आर्थिक तंगी के बावजूद, उनके माता-पिता ने हमेशा शिक्षा को प्राथमिकता दी।
कठिनाइयों के बावजूद, उन्होंने हार नहीं मानी। जब अन्य लोग "Netflix and Chill" कर रहे थे, तब ये बहनें "Study and Skill" कर रही थीं, और इसका परिणाम यह है कि आज दोनों बहनें देश की सेवा कर रही हैं।
किसान की बेटियां बनीं प्रेरणा
अगर आप सोचते हैं कि बिना कोचिंग के UPSC पास नहीं किया जा सकता, तो इन दोनों बहनों की कहानी आपको गलत साबित कर देगी। उन्होंने अपनी खुद की रणनीति बनाई, यूट्यूब से पढ़ाई की और खुद को प्रेरित किया।
आज इनकी सफलता उन लाखों युवाओं के लिए एक सबक है जो मानते हैं कि बिना महंगे संसाधनों के कुछ बड़ा नहीं किया जा सकता। मेहनत और लगन से सफलता आपके कदम चूमेगी।
हालांकि उनके पिता किसान हैं, लेकिन उन्होंने अपनी बेटियों को हमेशा बड़ा सोचने और मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। उनकी मेहनत रंग लाई और दोनों बहनें आज अधिकारी हैं।