क्या है कसेनिया पैट्रोवा का विवाद? हार्वर्ड की वैज्ञानिक पर लगे गंभीर आरोप
newzfatafat May 17, 2025 04:42 AM
अमेरिका में रूसी वैज्ञानिक पर लगे आरोप

एक रूसी वैज्ञानिक और हार्वर्ड यूनिवर्सिटी की शोधकर्ता, कसेनिया पैट्रोवा, को अमेरिका में गंभीर आरोपों का सामना करना पड़ रहा है। उन पर आरोप है कि उन्होंने फ्रांस से मेंढक के भ्रूणों को अमेरिका में तस्करी करने की कोशिश की। इस मामले के उजागर होने के बाद, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है और उन्हें अमेरिका से निर्वासित किया जा सकता है।


डिटेंशन सेंटर में बंद

30 वर्षीय पैट्रोवा वर्तमान में लुइसियाना के एक डिटेंशन सेंटर में हैं। उनके वकील ने अदालत में अपील की है कि उन्हें मैसाचुसेट्स वापस भेजा जाए। यह मामला तीन महीने पहले दर्ज किया गया था। अमेरिकी गृह सुरक्षा विभाग का कहना है कि पैट्रोवा ने अधिकारियों को झूठी जानकारी दी और जानबूझकर पदार्थों को सीमा शुल्क में घोषित नहीं किया।


फ्रांस से लाए गए भ्रूण

पैट्रोवा ने अपनी छुट्टियों के दौरान फ्रांस से मेंढक के भ्रूण के नमूने एकत्र किए थे, जिन्हें वे अपने शोध में उपयोग करना चाहती थीं। लेकिन जब वे बोस्टन लोगन इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर पहुंचीं, तो कस्टम अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। पूछताछ के दौरान, उन्होंने भ्रूणों के बारे में जानकारी दी, लेकिन अधिकारियों ने इसे बिना घोषित पदार्थ मानते हुए उनका वीजा रद्द कर दिया।


पैट्रोवा का बयान

इस मामले पर पैट्रोवा ने एक इंटरव्यू में कहा कि उन्हें नहीं पता था कि इन चीज़ों को कस्टम में घोषित करना आवश्यक है। उन्होंने यह भी कहा कि उनका कुछ छिपाने का इरादा नहीं था। हालांकि, इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया गया। अब उन पर आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर वैज्ञानिक पदार्थों की तस्करी की योजना बनाई।


वकील का बयान

पैट्रोवा के वकील ग्रैगोरी रोमानोवस्की ने अदालत से अनुरोध किया है कि उन्हें मैसाचुसेट्स लाया जाए। उनका कहना है कि कस्टम अधिकारियों के पास वीज़ा रद्द करने या हिरासत में लेने का कानूनी आधार नहीं था। उन्होंने यह भी कहा कि पैट्रोवा अमेरिका में कैंसर और वृद्धावस्था से जुड़े विषयों पर शोध कर रही थीं।


अधिकारियों का आरोप

अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी विभाग ने एक बयान में कहा कि पैट्रोवा ने अधिकारियों से झूठ बोला। उनके फोन की जांच में ऐसे संदेश मिले हैं जो दर्शाते हैं कि उन्होंने जानबूझकर पदार्थों को बिना घोषित किए सीमा पार लाने की योजना बनाई थी। यदि अदालत में वे दोषी पाई जाती हैं, तो उन्हें 20 साल तक की जेल और $250,000 (लगभग 2 करोड़ रुपये) का जुर्माना हो सकता है।


हार्वर्ड यूनिवर्सिटी का बयान

इस विवाद के बीच, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने भी एक बयान जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि वे इस मामले पर करीबी नजर रख रहे हैं। यह स्पष्ट नहीं है कि विश्वविद्यालय इस मुद्दे में कोई कानूनी सहायता प्रदान कर रहा है या नहीं।


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