ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की 139वीं बोर्ड बैठक: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने शनिवार को अपनी 139वीं बोर्ड बैठक में किसानों, स्वास्थ्य सेवाओं और सुरक्षा कर्मियों के हित में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए। इस बैठक की अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव और प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने की। बैठक में किसानों की लीजबैक समस्याओं, ईएसआईसी अस्पताल और सीआईएसएफ कर्मियों के लिए आवास जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
ये निर्णय क्षेत्र के विकास और जनकल्याण को नई दिशा प्रदान करेंगे। प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लिए 29,300 वर्ग मीटर भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है, जिसकी दर 5,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर होगी।
किसानों के हित में महत्वपूर्ण निर्णय
किसानों के हित में प्राधिकरण ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। अब लीजबैक मामलों में लिपिकीय त्रुटियों, जैसे लाभार्थी का नाम या क्षेत्रफल में गलती, को सुधारने का अधिकार सीईओ को सौंपा गया है। इसके लिए सीईओ द्वारा एक समिति बनाई जाएगी, जो अभिलेखों की जांच कर अपनी सिफारिश देगी। सीईओ के अनुमोदन के बाद त्रुटियों को तुरंत ठीक किया जाएगा। चेयरमैन मनोज कुमार सिंह ने इस प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए कहा, 'लिपिकीय त्रुटि को संशोधित करने के लिए हर बार एजेंडा बोर्ड के समक्ष नहीं रखा जाएगा।' इस कदम से लीजबैक प्रक्रिया में देरी समाप्त होगी और किसानों को त्वरित राहत मिलेगी।
ईएसआईसी अस्पताल का निर्माण
प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-5 में कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) के लिए 29,300 वर्ग मीटर भूमि आवंटित करने का निर्णय लिया है। सीईओ एनजी रवि कुमार ने बताया, 'यह अस्पताल तीन साल में बनकर तैयार होगा।' लगभग 550 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाला यह अस्पताल क्षेत्र की कंपनियों और फैक्ट्रियों में कार्यरत कर्मचारियों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाएगा। वर्तमान में जिले का एकमात्र ईएसआईसी अस्पताल नोएडा के सेक्टर-24 में स्थित है।
सीआईएसएफ के जवानों के लिए आवास
नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की सुरक्षा में तैनात केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों के लिए ग्रेटर नोएडा के सेक्टर ओमिक्रॉन वन ए में 812 एमआईजी और एलआईजी फ्लैट आवंटित किए जाएंगे। प्राधिकरण ने इन फ्लैटों की कीमत तय कर सीआईएसएफ को सूचित कर दिया है। इसके अलावा, 192 फ्लैट पुलिस, कोर्ट, जिला प्रशासन और अन्य सरकारी विभागों को आवास के लिए आवंटित किए जाएंगे।