भारत के विदेश मंत्रालय (एमईए) ने शनिवार को विदेश मंत्री एस जयशंकर के बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा था कि पाकिस्तान के खिलाफ ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत में भारत ने पाकिस्तान को चेतावनी दी थी. मंत्रालय ने इसे "गलत तरीके से पेश किया जा रहा है" बताते हुए इस पर स्पष्टीकरण जारी किया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि जयशंकर ने कहा था कि पाकिस्तान को शुरुआत में चेतावनी दी गई थी, जो ऑपरेशन सिंदूर के शुरू होने के बाद के प्रारंभिक चरण में थी. लेकिन इसे इस तरह से प्रस्तुत किया जा रहा था कि चेतावनी ऑपरेशन की शुरुआत से पहले दी गई थी, जो पूरी तरह से गलत है.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को लेकर सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान को आतंकी बुनियादी ढांचे पर हमला करने के बारे में सूचित करना एक गंभीर अपराध है. गांधी ने यह भी सवाल उठाया कि पाकिस्तान को इस बारे में सूचित करने का आदेश किसने दिया और इसके परिणामस्वरूप भारतीय वायुसेना ने कितने विमान खो दिए. उन्होंने अपने ट्विटर पोस्ट में कहा, "हमारे हमले की शुरुआत में पाकिस्तान को सूचित करना एक अपराध था. विदेश मंत्री ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया है कि भारत सरकार ने ऐसा किया. इसे किसने अधिकृत किया? इसके परिणामस्वरूप हमारी वायुसेना ने कितने विमान खो दिए?"
ऑपरेशन सिंदूर, 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए एक भयावह आतंकी हमले के बाद शुरू किया गया था, जिसमें 26 निर्दोष नागरिक मारे गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से संचालित आतंकी संगठनों पर डाली गई. इस हमले का जवाब देने के लिए भारत ने ऑपरेशन सिंदूर की शुरुआत की, जो पाकिस्तान के आतंकी शिविरों पर किए गए सटीक हमलों का हिस्सा था.
7 मई को भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान और PoK में स्थित आतंकवादी बुनियादी ढांचे पर सटीक हमले किए. इसके बाद पाकिस्तान ने भारतीय सैन्य ठिकानों पर हमले की कोशिश की, जिसके परिणामस्वरूप 8, 9 और 10 मई को पाकिस्तान ने भारतीय ठिकानों पर हमला किया. पाकिस्तान के हमलों के जवाब में भारतीय सेना ने 10 मई को पाकिस्तानी हवाई ठिकानों पर मिसाइलों और अन्य लंबी दूरी के हथियारों से सटीक हमले किए. इस कार्रवाई के जरिए भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी 'शून्य सहिष्णुता' नीति को और मजबूत किया.
ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य पाकिस्तान और PoK में आतंकवादियों द्वारा चलाए जा रहे शिविरों को नष्ट करना था. इस ऑपरेशन ने यह स्पष्ट कर दिया कि भारत अब केवल अपनी सीमाओं की रक्षा करने में नहीं, बल्कि दुश्मन की सीमाओं के भीतर जाकर अपनी सुरक्षा के लिए खतरे का मुकाबला करने में भी सक्षम है. यह कार्रवाई भारत के आत्मरक्षा के अधिकार और आतंकवाद के खिलाफ उसकी जीरो टॉलरेंस नीति का उदाहरण है.
ऑपरेशन सिंदूर ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट संदेश दिया कि भारत आतंकवाद को किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करेगा. विदेश मंत्री एस जयशंकर ने अपने बयान में यह भी कहा था कि इस ऑपरेशन के बाद भारत की सुरक्षा नीति को लेकर दुनिया भर में एक मजबूत संदेश गया है. विशेष रूप से उन देशों के लिए जो भारत को परमाणु हथियारों की धमकी देते थे, यह कार्रवाई यह साबित करती है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ किसी भी सीमा तक जा सकता है.
राहुल गांधी ने अपनी प्रतिक्रिया में यह भी कहा कि भारत की सरकार ने जिस तरह से पाकिस्तान को सूचित किया, उससे यह सवाल उठता है कि क्या राष्ट्रीय सुरक्षा को राजनीतिक लाभ के लिए खतरे में डाला गया है. इस मुद्दे पर राजनीति को किनारे रखते हुए भारत के लिए यह आवश्यक है कि उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा की रक्षा की जाए, और आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए.