उन्होंने कहा, मैं कल से बिहार में अपनी पदयात्रा फिर से शुरू कर सकता हूं। किशोर ने यह भी कहा कि उदय सिंह को इस उद्देश्य के लिए गठित समिति द्वारा केवल बहुमत से नहीं, बल्कि सर्वसम्मति से चुना गया है। पिछले साल दो अक्टूबर को गठित जन सुराज पार्टी तभी से बिना किसी पूर्णकालिक अध्यक्ष के काम कर रही थी। किशोर ने साफ किया है कि वह अपने पास कोई पद नहीं रखेंगे। पार्टी की स्थापना के तुरंत बाद पूर्व आईपीएस अधिकारी मनोज भारती को कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।
ALSO READ:
वर्ष 2004 और 2009 में भाजपा के टिकट पर पूर्णिया लोकसभा सीट जीतने वाले उदय सिंह सेवानिवृत्त नौकरशाह एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य एनके सिंह के छोटे भाई हैं। जन सुराज पार्टी के नवनियुक्त राष्ट्रीय अध्यक्ष 2014 से ही राजनीतिक रूप से हाशिए पर चले गए थे क्योंकि वह चुनाव हार गए और इसके बाद के दो लोकसभा चुनाव में राजग के भीतर सीट बंटवारे के तहत यह सीट मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जद (यू) के खाते में चली गई।
किशोर ने कहा, उदय सिंह, आरसीपी सिंह और मनोज भारती जैसे लोग इस बात का सबूत हैं कि हमारी पार्टी में प्रतिभाओं का ऐसा भंडार है जो बेजोड़ है। बिहार के मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव के रूप में सेवा दे चुके आरसीपी सिंह जद (यू) में कई प्रमुख संगठनात्मक पदों पर रहे थे और यहां तक कि संक्षिप्त अवधि के लिए इसका नेतृत्व भी किया।
ALSO READ:
आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी जगह मिली, जिससे नीतीश कुमार नाराज थे। इसके बाद उन्होंने जद (यू) छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गए। पिछले साल आरसीपी सिंह ने ‘आप सबकी आवाज’ नाम से पार्टी बनाई थी, जिसका रविवार को जन सुराज पार्टी में विलय हो गया। (भाषा)
Edited By : Chetan Gour