Operation Sindoor पर घमासान, भारतीय राजनीति में मीर जाफर और जयचंद की इंट्री
Webdunia Hindi May 21, 2025 05:42 AM

भारत-पाकिस्तान तनाव के बाद अब राजनीतिक पार्टियों में पोस्टर वॉर शुरू हो गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर की ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से संबंधित एक टिप्पणी को लेकर कांग्रेस और भाजपा के बीच जारी आरोप-प्रत्यारोप मंगलवार को और तीखा हो गया। विवाद तब और गहरा गया जब सत्तारूढ़ भाजपा ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को ‘नए जमाने का मीरजाफर’ बताया। इसके जवाब में कांग्रेस ने पलटवार करते हुए जयशंकर को ‘आज के युग का जयचंद’ करार दिया।

राहुल गांधी और कांग्रेस पिछले कुछ दिनों से जयशंकर के एक बयान का हवाला देते हुए बार-बार यह आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की शुरुआत से पहले ही इसकी जानकारी पाकिस्तान को दे दी थी। मुख्य विपक्षी दल ने यह आरोप भी लगाया है कि इस अभियान के शुरू होने से पहले ही इसकी जानकारी पाकिस्तान देने से भारत के राष्ट्रीय हितों एवं सुरक्षा का नुकसान हुआ तथा पाकिस्तान में मौजूद मसूद अजहर समेत कई खूंखार आतंकवादी बचने में कामयाब रहे।

दूसरी तरफ, भाजपा ने तथ्यों को तोड़ने-मरोड़ने और राहुल गांधी पर पाकिस्तान की जुबान बोलने का आरोप लगाया है। भाजपा के आईटी प्रकोष्ठ के प्रमुख अमित मालवीय ने मंगलवार को अपने ‘एक्स’ हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की, जिसमें आधा चेहरा पाकिस्तान के सेना प्रमुख आसिम मुनीर और आधा चेहरा लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी का है।

उन्होंने आरोप लगाया कि यह आश्चर्य की बात नहीं है कि राहुल गांधी पाकिस्तान और उसके समर्थकों की भाषा बोल रहे हैं। उन्होंने प्रधानमंत्री को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए बधाई नहीं दी है....इसके बजाय, वह बार-बार पूछते हैं कि हमने कितने लड़ाकू विमान खो दिए, जबकि इस प्रश्न का उत्तर डीजीएमओ के संवाददाता सम्मेलन में दिया जा चुका है। मजे की बात है कि उन्होंने एक बार भी इस बारे में पूछताछ नहीं की कि संघर्ष के दौरान कितने पाकिस्तानी विमानों को मार गिराया गया या जब भारतीय सेना ने पाकिस्तानी एयरबेस पर हमला किया, तो हैंगर में खड़े कितने विमान नष्ट हो गए। मालवीय ने कटाक्ष करते हुए सवाल किया कि राहुल गांधी के लिए आगे क्या है? निशान-ए-पाकिस्तान? ‘निशान-ए-पाकिस्तान’ पाकिस्तान का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।

उन्होंने एक अन्य पोस्ट में आरोप लगाया कि राहुल गांधी नए जमाने के मीर जाफर हैं। मालवीय पर पलटवार करते हुए कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने ‘एक्स’ पर एक तस्वीर साझा की, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ विदेश मंत्री एस जयशंकर को दर्शाया गया है और जयशंकर को फोन पर बात करते हुए भी दिखाया गया तथा उसमें ‘स्टे सेफ जनाब’ (महफूज रहिए जनाब) लिखा हुआ है। खेड़ा ने यह आरोप भी लगाया कि जयशंकर ‘आज के युग के जयचंद’ हैं।

कांग्रेस नेता ने एक अन्य पोस्ट में कहा कि भाजपा सरकार ने पाकिस्तान को ऑपरेशन की जानकारी पहले क्यों दी, जबकि पूंछ स्थित हमारे सीमावर्ती नागरिकों को समय पर सतर्क नहीं किया गया, जिनमें से कई को जान गंवानी पड़ी? क्या मसूद अजहर और हाफिज सईद जैसे आतंकवादी सरकार की जल्दबाज़ी में दी गई जानकारी के चलते बचकर निकल गए? इसके लिए कौन ज़िम्मेदार है?’’

खेड़ा ने कहा कि विदेश मंत्री द्वारा पाकिस्तान को दी गई जानकारी के आधार पर कितने आतंकवादी भाग निकले? और इससे भारत की सुरक्षा और राष्ट्रीय हितों को कितना नुकसान हुआ?’’ उन्होंने कहा कि जब हम ये कड़े सवाल पूछते हैं तो भाजपा हमें देशद्रोही कहती है। लेकिन असली विश्वासघात तो तब होता है, जब पाकिस्तानियों को भारतीयों से पहले सूचना दी जाती है और सच्चाई से भागा जाता है।

कौन था मीर जाफर

मीर जाफर को गद्दारी के कारण से जाना जाता है। मीर जाफर नवाब सिराजुद्दौला का सेनापति था और नवाब बनने के लालच में अंग्रेजों से मिल गया। प्लासी के युद्ध में नवाब सिराजुद्दौला की सेना का मुकाबला अपनी से आधी अंग्रेजों की सेना से हुआ। मीर जाफर ने नवाब सिराजुद्दौला से गद्दारी की। जिसके कारण बंगाल के नवाब की इस युद्ध में हार हो गई। इसके बाद बंगाल पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। फिर अंग्रेजों ने मीर जाफर को बंगाल का नवाब बना दिया।

जयचंद को लेकर अलग अलग कहानियां

जयचंद को लेकर इतिहास में कई तरह की कहानियां हैं। इनमें किसी में उन्हें गद्दार या देशद्रोही कहा जाता है तो कई कहानियों के हिसाब से वे बहादुर राजा थे। जयचंद्र राठौड़ उत्तर भारत के गाहड़वाल वंश के कन्नौज साम्राज्य के राजा थे। उन्होंने गंगा नदी के पास में बसे कान्यकुब्ज और वाराणसी सहित अंटारवेदी देश पर शासन किया।

जयचंद ने पृथ्वीराज पर आक्रमण के लिए मोहम्मद गौरी की मदद की थी और इसके अलावा भी कई तरह की कहानियां बताई जाती हैं। बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक पृथ्वीराज रासो की कहानी में लिखा है- 'पृथ्वीराज अजमेर के राजा सोमेश्वर के बेटे थे और उनकी मां दिल्ली के राजा अनंगपाल की बेटी कमला थीं।'

एक एनसीईआरटी किताब के हवाले से कहा गया है कि जयचंद (जिसे आमतौर पर देशद्रोही माना जाता है) हकीकत में एक 'नायक' था जिसने गौरी की सेना से लड़ते हुए अपनी जान दे दी थी। इसके अलावा जयचंद की कई और कहानियां भी हैं जिनमें कहा जाता है कि जयचंद एक अच्छे शासक थे। इनपुट भाषा Edited by: Sudhir Sharma

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