अधिकारियों के अनुसार, छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में चल रहे माओवादी विरोधी अभियान के दौरान गुरुवार को सीआरपीएफ के एक कोबरा कमांडो और एक नक्सली की मौत हो गई। उन्होंने बताया कि ऑपरेशन तुमरेल गांव क्षेत्र में चल रहा है और इसका नेतृत्व सीआरपीएफ की कोबरा इकाई की 210वीं बटालियन कर रही है, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का सहयोग है।
कमांडो बटालियन फॉर रेसोल्यूट एक्शन (कोबरा) सीआरपीएफ की विशेष जंगल युद्ध इकाई है और वामपंथी उग्रवाद से प्रभावित क्षेत्रों में आतंकवाद विरोधी अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाती है। केंद्र सरकार के अगले साल मार्च तक इस खतरे को खत्म करने के लक्ष्य के तहत सुरक्षा बल वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) प्रभावित राज्यों में निरंतर अभियान चला रहे हैं।
छत्तीसगढ़ का बस्तर क्षेत्र नक्सली गतिविधि का एक प्रमुख गढ़ बना हुआ है और इन अभियानों का प्राथमिक केंद्र बना हुआ है। बुधवार को नारायणपुर-बीजापुर सीमा पर वन क्षेत्रों में छत्तीसगढ़ पुलिस के जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के साथ मुठभेड़ में कम से कम 27 नक्सली मारे गए। मारे गए नक्सलियों में प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के 70 वर्षीय महासचिव नंबाला केशव राव उर्फ बसवराजू भी शामिल थे। वे इस समूह के शीर्ष कमांडरों में से एक थे।