हाल ही में, सरकार ने हाउसिंग सोसाइटियों के मेंटेनेंस शुल्क से संबंधित एक नया नियम लागू किया है, जो लाखों फ्लैट निवासियों के लिए चिंता का विषय बन गया है। इस नियम के अनुसार, यदि किसी हाउसिंग सोसाइटी या अपार्टमेंट का मासिक मेंटेनेंस खर्च 75,000 रुपये से अधिक है, या सालाना मेंटेनेंस खर्च 20 लाख रुपये से ज्यादा है, तो उस पर 18 प्रतिशत जीएसटी (Goods and Services Tax) लागू होगा। इस बदलाव से निवासियों के मासिक खर्च में वृद्धि की संभावना है, और इस पर चर्चा भी तेज हो गई है।
सरकार ने हाउसिंग सोसायटी से जुड़े नियमों में बदलाव किया है ताकि मेंटेनेंस शुल्क पर टैक्स लगाने का दायरा बढ़ाया जा सके। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि महंगे अपार्टमेंट्स या सोसाइटियों पर जो रखरखाव खर्च अधिक होता है, उस पर उचित कर लगाया जाए। रिपोर्टों के अनुसार, विशेषकर बड़े शहरों जैसे बेंगलुरु, मैसूर, मंगलुरु, हुबली और बेलगावी में लाखों लोग अपार्टमेंट में रहते हैं, जहां मेंटेनेंस खर्च अधिक होता है।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह नियम सभी फ्लैट्स या सोसाइटियों पर लागू नहीं होगा। केवल वे सोसायटियां और अपार्टमेंट्स इस दायरे में आएंगे जिनका मासिक मेंटेनेंस खर्च 75,000 रुपये से अधिक है या सालाना कुल मेंटेनेंस खर्च 20 लाख रुपये से ऊपर है। इसके अलावा, जिन सोसायटियों की आय 20 लाख से कम होगी, उन पर यह नियम लागू नहीं होगा।
यदि आपकी सोसाइटी को जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है, तो आपको कई नियमों का पालन करना होगा। रिपोर्ट के अनुसार, सोसायटियों को महीने में दो बार रिटर्न भरना होगा — एक 11 तारीख तक और दूसरा 20 तारीख तक। इसके अलावा, सालाना रिटर्न भी भरना आवश्यक होगा। बार-बार रिटर्न दाखिल करने और अन्य जीएसटी से जुड़े कार्यों के कारण सोसाइटी को 1 से 2 लाख रुपये तक का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है।
इस नए नियम के लागू होने से सोसाइटी के निवासियों के लिए मेंटेनेंस शुल्क में वृद्धि हो सकती है। सरकार का यह कदम टैक्स संग्रह बढ़ाने के उद्देश्य से है, लेकिन इससे आम जनता की जेब पर दबाव बढ़ने की संभावना है। खासकर उन अपार्टमेंट्स में रहने वाले जिनका खर्च पहले से अधिक है, उन्हें अब अपने मासिक बजट में इस नई राशि को जोड़ना होगा।
सरकार का यह नया नियम फ्लैट निवासियों के लिए एक महत्वपूर्ण बदलाव लेकर आया है। जहां यह टैक्स प्रणाली को और पारदर्शी बनाने का प्रयास है, वहीं इससे सोसाइटियों और निवासियों को आर्थिक और प्रशासनिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। यदि आपकी सोसाइटी का मेंटेनेंस खर्च निर्धारित सीमा से ऊपर है, तो आपको जल्द से जल्द जीएसटी रजिस्ट्रेशन कराने और नियमों का पालन करने की तैयारी करनी चाहिए।
अनावश्यक टैक्स या जुर्माने से बचने के लिए, अपनी सोसाइटी के प्रशासन से नियमित संपर्क बनाए रखें और आवश्यक कानूनी और वित्तीय सलाह लें। इस तरह आप अपने बजट को बेहतर तरीके से प्रबंधित कर सकेंगे और सरकार के नए नियमों का पालन भी कर सकेंगे।