आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक में भारत के विकास के लिए तीन विशेष उप-समूहों के गठन का सुझाव दिया। ये समूह जीडीपी वृद्धि, जनसंख्या प्रबंधन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के उपयोग पर ध्यान केंद्रित करेंगे। नायडू ने बताया कि ये समूह केंद्र और नीति आयोग के साथ मिलकर कार्य करेंगे। उनकी पार्टी टीडीपी, केंद्र और राज्य में बीजेपी की सहयोगी है।
जीडीपी वृद्धि के लिए उप-समूह
पहला उप-समूह जीडीपी वृद्धि पर ध्यान केंद्रित करेगा, जो निवेश, विनिर्माण, निर्यात और रोजगार सृजन को बढ़ावा देने का कार्य करेगा। इसके लिए केंद्र से पीपीपी परियोजनाओं के लिए व्यवहार्यता अंतर निधि (वायबिलिटी गैप फंडिंग) का समर्थन प्राप्त किया जाएगा।
जनसंख्या प्रबंधन और तकनीकी शासन
दूसरा उप-समूह जनसंख्या प्रबंधन पर काम करेगा, ताकि भारत अपनी जनसांख्यिकीय ताकत का सही उपयोग कर सके और भविष्य की चुनौतियों जैसे वृद्धावस्था और कम प्रजनन दर के लिए तैयार रह सके। तीसरा समूह एआई, क्वांटम कंप्यूटिंग, ड्रोन और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से नागरिक-केंद्रित प्रशासन को बढ़ावा देगा। नायडू ने कहा, “स्वर्ण आंध्र @2047 का विजन राष्ट्रीय विकास के लिए एक समावेशी और स्केलेबल मॉडल है।”
आंध्र प्रदेश का योगदान
नायडू ने पाहलगाम आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि अर्पित की और ऑपरेशन सिंदूर में सशस्त्र बलों की त्वरित कार्रवाई की सराहना की। उन्होंने पीएम मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए कहा, “...तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं।” उन्होंने डिजिटल इंडिया, जीएसटी, स्टार्टअप इंडिया, पीएम गति शक्ति और जल जीवन मिशन जैसी योजनाओं को विकास का नया आधार बताया।
विकसित भारत 2047 का लक्ष्य
आंध्र प्रदेश ने 2029 तक जीरो गरीबी का लक्ष्य रखा है, जिसमें पी4 मॉडल के तहत सरकार, निजी क्षेत्र और नागरिकों का सहयोग शामिल है। 'फैमिली बेनिफिट मैनेजमेंट सिस्टम' पारदर्शी कल्याण योजनाएं सुनिश्चित करता है, जबकि 'वन फैमिली, वन एंटरप्रेन्योर' पहल उद्यमिता और कौशल विकास को बढ़ावा देती है। अमरावती में क्वांटम वैली, ओरवकल में ड्रोन सिटी और विशाखापट्टनम में बायोमेडिकल हब जैसे नवाचार आंध्र को तकनीकी नेतृत्व में अग्रणी बनाते हैं।