हरियाणा के नारनौल में एक निजी स्कूल के पीटीआई शिक्षक पर 15 वर्षीय छात्रा के साथ छेड़छाड़ और ब्लैकमेलिंग का गंभीर आरोप लगा है।
इस घटना ने न केवल स्थानीय समुदाय को चौंका दिया है, बल्कि यह स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर भी सवाल खड़े कर रहा है। पीड़ित छात्रा के दादा की शिकायत पर पुलिस ने सदर थाने में मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। आरोपी शिक्षक ने कथित तौर पर छात्रा को डराकर उसके घर से गहने मंगवाए और उसे भद्दे संदेश भेजे। यह मामला स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा और शिक्षकों की जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाता है।
यह घटना फरवरी 2025 में शुरू हुई, जब नारनौल के एक प्रतिष्ठित निजी स्कूल में पढ़ने वाली 15 वर्षीय छात्रा के साथ पीटीआई शिक्षक ने छेड़छाड़ की। 21 वर्षीय आरोपी ने न केवल स्कूल परिसर में छात्रा के साथ गलत व्यवहार किया, बल्कि बाद में मोबाइल पर भद्दे संदेश भेजकर उसे परेशान करना शुरू कर दिया। उसने छात्रा को डराने-धमकाने की कोशिश की और उससे घर से गहने लाने के लिए दबाव डाला। डर के मारे छात्रा ने अपने घर से कुछ गहने चुपके से ले जाकर शिक्षक को दे दिए। यह सिलसिला तब तक चला, जब तक परिजनों को इसकी भनक नहीं लगी।
जब छात्रा के दादा को इस घटना की जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत सदर थाना पुलिस से संपर्क किया। उनकी शिकायत के आधार पर पुलिस ने आरोपी पीटीआई शिक्षक के खिलाफ छेड़छाड़ और ब्लैकमेलिंग का मामला दर्ज किया।
शिकायत में बताया गया कि छात्रा डर और मानसिक दबाव में थी, जिसके कारण उसने पहले परिजनों को कुछ नहीं बताया। पुलिस ने अब इस मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और आरोपी की तलाश में जुट गई है। बताया जा रहा है कि केस दर्ज होने के बाद शनिवार को आरोपी शिक्षक स्कूल नहीं आया, जिससे संदेह और गहरा गया है।
यह घटना नारनौल के स्कूलों में बच्चों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठाती है। स्कूल, जो बच्चों के लिए सबसे सुरक्षित स्थान माना जाता है, वहां इस तरह की घटनाएं माता-पिता और समुदाय के लिए चिंता का विषय बन गई हैं।
एक निजी स्कूल, जिसे अपनी प्रतिष्ठा के लिए जाना जाता है, वहां कार्यरत शिक्षक का ऐसा व्यवहार न केवल शर्मनाक है, बल्कि यह स्कूल प्रशासन की लापरवाही को भी दर्शाता है। अभिभावकों का कहना है कि स्कूलों को शिक्षकों की भर्ती और उनके व्यवहार पर कड़ी निगरानी रखनी चाहिए।
सदर थाना पुलिस इस मामले को गंभीरता से ले रही है। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने तुरंत केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस सूत्रों के अनुसार, आरोपी शिक्षक अब एक अन्य निजी स्कूल में नौकरी कर रहा है, लेकिन वह शनिवार को स्कूल नहीं पहुंचा।
पुलिस उसकी तलाश में छापेमारी कर रही है और जल्द ही उसे हिरासत में लेने की उम्मीद है। साथ ही, पुलिस ने छात्रा और उसके परिवार को सुरक्षा और सहायता का आश्वासन दिया है।
यह घटना समाज और शैक्षिक संस्थानों के लिए एक बड़ा सबक है। स्कूलों को बच्चों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे। शिक्षकों की पृष्ठभूमि की जांच, नियमित निगरानी, और बच्चों को सुरक्षित माहौल प्रदान करना अब पहले से कहीं ज्यादा जरूरी हो गया है।
साथ ही, अभिभावकों को अपने बच्चों से खुलकर बात करनी चाहिए ताकि वे किसी भी तरह के दबाव या डर को साझा कर सकें। इस मामले ने नारनौल में सुरक्षा और जागरूकता की आवश्यकता को और उजागर किया है।
इस घटना के बाद स्थानीय समुदाय और स्कूल प्रशासन में हलचल मच गई है। लोग मांग कर रहे हैं कि स्कूलों में सीसीटीवी कैमरे, सख्त नियम, और बच्चों के लिए शिकायत तंत्र स्थापित किए जाएं।
साथ ही, पुलिस से अपील है कि वह इस मामले की निष्पक्ष जांच करे और दोषी को कड़ी सजा दिलाए। अभिभावकों को भी सलाह दी जा रही है कि वे अपने बच्चों को आत्मरक्षा और जागरूकता के बारे में सिखाएं ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।