हरियाणा में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कर्ज माफी: 7305 महिलाओं का 6.63 करोड़ रुपये का कर्ज माफ किया गया: हरियाणा सरकार ने महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य ने 7305 महिलाओं का 6.63 करोड़ रुपये का कर्ज माफ कर उन्हें आर्थिक बोझ से मुक्त किया है।
यह कर्ज महिला विकास निगम से स्वरोजगार के लिए लिया गया था, लेकिन आर्थिक कठिनाइयों के कारण ये महिलाएं इसे चुकाने में असमर्थ थीं। इस निर्णय ने न केवल इन महिलाओं को राहत दी है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि सरकार महिलाओं की आत्मनिर्भरता और आर्थिक स्वतंत्रता के प्रति कितनी गंभीर है। आइए, इस पहल के बारे में विस्तार से जानते हैं।
हरियाणा सरकार ने उन 7305 महिलाओं को राहत प्रदान की है, जिन्होंने महिला विकास निगम से स्वरोजगार के लिए कर्ज लिया था। इन महिलाओं पर 3.82 करोड़ रुपये की मूल राशि और 2.81 करोड़ रुपये का ब्याज, यानी कुल 6.63 करोड़ रुपये बकाया था।
सरकार ने इन महिलाओं की आर्थिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए कर्ज माफ करने का निर्णय लिया। महिला एवं बाल विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल के निर्देशानुसार, 30 जून 2024 तक बकाया राशि न चुका पाने वाली महिलाओं का मूलधन और ब्याज पूरी तरह माफ कर दिया गया है। इस राशि का भुगतान महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा ताकि महिला विकास निगम पर वित्तीय बोझ न पड़े।
महिला विकास निगम हरियाणा में शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों की महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए व्यक्तिगत ऋण योजना चलाता है। इस योजना के तहत महिलाओं को 1.50 लाख रुपये तक का कर्ज दिया जाता है। यह योजना उन महिलाओं के लिए है, जिनकी सालाना आय 1.80 लाख रुपये से कम हो और जिनके परिवार का कोई सदस्य आयकर न देता हो।
महिलाएं इस कर्ज का उपयोग सिलाई-कढ़ाई, किराना दुकान, रेडीमेड गारमेंट्स, बुटीक, स्टेशनरी, जनरल स्टोर और अन्य छोटे व्यवसाय शुरू करने के लिए कर सकती हैं। यह योजना महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाती है और उन्हें समाज में सम्मान के साथ जीने का अवसर प्रदान करती है।
महिला विकास निगम की इस योजना में अनुसूचित जाति की महिलाओं को 25,000 रुपये तक की सब्सिडी दी जाती है, जबकि अन्य श्रेणी की महिलाओं को अधिकतम 10,000 रुपये की सब्सिडी मिलती है। बाकी राशि सहकारी बैंकों के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है।
यह सब्सिडी महिलाओं के लिए एक बड़ा सहारा बनती है, क्योंकि यह उनके कर्ज के बोझ को कम करती है और व्यवसाय शुरू करने में मदद करती है। इस योजना ने हजारों महिलाओं को नया जीवन दिया है और उन्हें अपने परिवार का सहारा बनने का अवसर प्रदान किया है।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। कर्ज माफी का यह कदम उन महिलाओं के लिए राहत का काम करेगा, जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रही थीं।
यह पहल न केवल महिलाओं को वित्तीय बोझ से मुक्त करती है, बल्कि उन्हें आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ने का हौसला भी देती है। सरकार की इस योजना से यह स्पष्ट होता है कि वह महिलाओं की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है।
इस कर्ज माफी का निर्णय न केवल महिलाओं के लिए आर्थिक राहत है, बल्कि यह सामाजिक समानता को बढ़ावा देने वाला कदम भी है। हरियाणा में कई महिलाएं आर्थिक रूप से कमजोर पृष्ठभूमि से आती हैं, और यह योजना उन्हें अपने पैरों पर खड़ा होने का अवसर देती है।
कर्ज माफी ने उन महिलाओं को नया जीवन दिया है, जो स्वरोजगार शुरू करना चाहती थीं, लेकिन कर्ज के बोझ तले दब गई थीं। यह कदम सामाजिक और आर्थिक सशक्तीकरण की दिशा में एक बड़ा बदलाव ला सकता है।
हरियाणा सरकार की यह पहल अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल बन सकती है। महिला विकास निगम की योजनाएं और कर्ज माफी जैसे कदम महिलाओं को न केवल आर्थिक स्वतंत्रता देते हैं, बल्कि समाज में उनकी स्थिति को भी मजबूत करते हैं।
भविष्य में ऐसी योजनाओं को और प्रभावी बनाने के लिए सरकार को नियमित निगरानी और सहायता की जरूरत होगी। साथ ही, महिलाओं को प्रशिक्षण और मार्गदर्शन देकर उनके व्यवसाय को और सफल बनाया जा सकता है।
इस कर्ज माफी से 7305 महिलाओं को नई शुरुआत करने का मौका मिलेगा। यह पहल उन महिलाओं के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है, जो आर्थिक तंगी के कारण अपने सपनों को पूरा नहीं कर पा रही थीं।
हरियाणा सरकार का यह निर्णय न केवल महिलाओं के जीवन में बदलाव लाएगा, बल्कि समाज में लैंगिक समानता को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा। लोगों से अपील है कि वे ऐसी योजनाओं का लाभ उठाएं और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कदम बढ़ाएं।