Rishabh Pant, IPL 2025, Rishabh Pant century: अगर आप पढ़ाई के साथ-साथ अपने सपनों को पकड़ने की जुगत में हो तो ऋषभ पंत की कहानी आपके लिए किसी सुपरपावर से कम नहीं. 27 साल की उम्र में ये रुड़की का लड़का न सिर्फ भारतीय क्रिकेट का सुपरस्टार बन चुका है,बल्कि IPL 2025 में 27 करोड़ की रिकॉर्ड तोड़ बोली के साथ सबसे महंगा खिलाड़ी बनकर छा गया. हाल ही में RCB के खिलाफ 54 गेंदों में नाबाद 118 रन की धमाकेदार पारी ने सबको बता दिया कि वो मैदान पर कितना दम रखता है. जिसके बाद वह लगातार सुर्खियों में हैं, लेकिन ये चमक-धमक रातोंरात नहीं आई. ऋषभ की यहां तक पहुंचने की कहानी ऐसी है जो युवाओं को पढ़ाई और जुनून के बीच बैलेंस करने का हौसला देगी…
ऋषभ पंत का जन्म 4 अक्टूबर 1997 को उत्तराखंड के रुड़की में एक कुमाऊंनी ब्राह्मण परिवार में हुआ. उनके मम्मी-पापा सरोज और राजेंद्र पंत और बड़ी बहन साक्षी ने हमेशा उनके सपनों को पंख दिए. उनका पैतृक गांव पिथौरागढ़ के गंगोलीहाट में है, लेकिन उनका जन्म रुड़की में हुआ. क्रिकेट का जुनून उन्हें 12 साल की उम्र में दिल्ली ले आया. उस वक्त उनके पास रहने की जगह तक नहीं थी. कई रिपोर्ट में बताया गया है कि शुरुआती दिनों में वह और उनकी मां दिल्ली के मोती बाग गुरुद्वारे में रात बिताते थे.जरा सोचिए इतनी छोटी उम्र में इतना बड़ा रिस्क!2017 में उनके पापा का दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. उस दुख में भी ऋषभ ने हिम्मत नहीं हारी और सिर्फ दो दिन बाद IPL में दिल्ली डेयरडेविल्स के लिए 57 रन बनाकर मैदान पर उतरे. ये थी उनकी जिद, जो आपको भी अपने सपनों के लिए लड़ना सिखाएगी.
ऋषभ ने देहरादून के इंडियन पब्लिक स्कूल में शुरुआती पढ़ाई की. जब परिवार दिल्ली शिफ्ट हुआ, तो उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के श्री वेंकटेश्वर कॉलेज से बी.कॉम की डिग्री हासिल की.क्रिकेट का कीड़ा उनके दिमाग में हमेशा कुलबुलाता था. दिल्ली में उनके कोच तारक सिन्हा ने उन्हें ऑस्ट्रेलियाई दिग्गज एडम गिलक्रिस्ट के वीडियो दिखाए,जिनसे प्रेरित होकर ऋषभ ने अपनी बेखौफ बैटिंग स्टाइल बनाई. सुबह कॉलेज,दिन में घंटों प्रैक्टिस और रात में होमवर्क-ऋषभ ने ये सब बैलेंस किया. अगर आप भी अपनी पढ़ाई और पैशन को ऐसे ही मैनेज करें,तो आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता.
ऋषभ ने 2015 में 18 साल की उम्र में रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया. 2016 में महाराष्ट्र के खिलाफ 308 रन की ट्रिपल सेंचुरी ठोककर वो फर्स्ट-क्लास क्रिकेट में ऐसा करने वाले तीसरे सबसे युवा भारतीय बने. उसी साल झारखंड के खिलाफ 48 गेंदों में सेंचुरी बनाकर रणजी का सबसे तेज शतक जड़ा. 2016 के अंडर-19 वर्ल्ड कप में नेपाल के खिलाफ 18 गेंदों में फिफ्टी ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया. उसी साल दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें IPL 2016 के लिए 1.9 करोड़ में खरीदा. 2018 में सनराइजर्स हैदराबाद के खिलाफ 63 गेंदों में नाबाद 128 रन बनाकर उन्होंने उस वक्त का सबसे बड़ा भारतीय IPL स्कोर बनाया.
टेस्ट क्रिकेट में भी ऋषभ ने कमाल किया.2018 में इंग्लैंड दौरे पर अपने तीसरे टेस्ट में 114 रन की सेंचुरी बनाई.2019 में सिडनी में 159 रन बनाकर भारत को ऑस्ट्रेलिया में पहली टेस्ट सीरीज जिताने में मदद की. 2021 में गाबा में 89 रन की पारी खेलकर भारत को 32 साल बाद ऑस्ट्रेलिया में जीत दिलाई. वो पहले भारतीय विकेटकीपर बने,जिन्होंने ऑस्ट्रेलिया,इंग्लैंड,भारत और साउथ अफ्रीका में टेस्ट सेंचुरी बनाई. 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ शतक लगाकर उन्होंने एमएस धोनी के 6 टेस्ट सेंचुरी के रिकॉर्ड की बराबरी की. 2024 T20 वर्ल्ड कप में भारत की जीत में उनकी चतुर विकेटकीपिंग और बैटिंग ने अहम रोल निभाया.
दिसंबर 2022 में ऋषभ का दिल्ली-हरिद्वार हाईवे पर भयानक कार एक्सीडेंट हुआ.उनकी मर्सिडीज डिवाइडर से टकराकर पलट गई और आग लग गई. सिर,पीठ और पैरों में गंभीर चोटों के बाद भी उनका जीवन सुरक्षित रहा.डॉक्टर्स ने कहा कि ठीक होने में दो साल लग सकते हैं, लेकिन ऋषभ ने सिर्फ 14 महीने बाद मार्च 2024 में IPL में दिल्ली कैपिटल्स के कप्तान के तौर पर वापसी की और 446 रन बनाए. उनकी इस जिद ने सबको हैरान कर दिया.
IPL 2025 में लखनऊ सुपर जायंट्स ने ऋषभ को 27 करोड़ में खरीदकर IPL इतिहास की सबसे बड़ी बोली लगाई. सीजन की शुरुआत में वो 12 मैचों में सिर्फ 135 रन बना सके और सोशल मीडिया पर लोग मजाक उड़ाने लगे, लेकिन आखिरी लीग मैच में RCB के खिलाफ 54 गेंदों में 118 रन की पारी ने सबकी बोलती बंद कर दी. लखनऊ ने उन्हें कप्तान बनाया है और अब सबकी नजर इस बात पर है कि वो अपनी टीम को कहाँ तक ले जाते हैं.
ऋषभ इंस्टाग्राम पर 60 लाख फॉलोअर्स के साथ छाए रहते हैं. 2022 में एक्ट्रेस उर्वशी रौतेला के साथ उनकी सोशल मीडिया पर बहस वायरल हुई,जब उर्वशी ने एक इंटरव्यू में कुछ बातें कही थीं. ऋषभ ने मजेदार जवाब देकर इसे हल्का कर दिया. मैदान पर उनकी ‘स्पाइडी’ पर्सनैलिटी और मजेदार कमेंट्स,जैसे स्टंप माइक पर चिल्लाना,उन्हें फैंस का फेवरेट बनाते हैं. ऋषभ का यह गुण ये भी सिखाता कि फालतू विवादों में समय बर्बाद न करो और अपने काम पर फोकस रखो.
ऋषभ पंत की कहानी तमाम स्टूडेंट्स के लिए मिसाल है. रुड़की जैसे छोटे शहर से निकलकर पढ़ाई और क्रिकेट को बैलेंस करके एक्सीडेंट जैसी मुश्किलों से लड़कर उन्होंने आलोचनाओं का जवाब दिया.ऐसे में सफलता का मंत्र है:मेहनत करो,सपने देखो और मुश्किलों से डरो मत. चाहे तुम इंजीनियर बनना चाहो,डॉक्टर या कुछ और.अगर ऋषभ की तरह जुनून और डिसिप्लिन रखोगे,तो कोई मंजिल दूर नहीं.