कमल हासन के तमिल भाषा वाले बयान पर भड़के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, कहा- शायद उन्हें भाषा का ज्ञान नहीं है...
samacharjagat-hindi May 29, 2025 01:42 AM

इंटरनेट डेस्क। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बुधवार को कमल हासन पर उनके कन्नड़ का जन्म तमिल से हुआ है वाले बयान को लेकर कटाक्ष करते हुए कहा कि अभिनेता को भाषा के लंबे इतिहास की जानकारी नहीं है। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा कि कन्नड़ का इतिहास बहुत पुराना है। बेचारे कमल हासन को इसकी जानकारी ही नहीं है। चेन्नई में अपनी आगामी फिल्म ठग लाइफ के ऑडियो लॉन्च के अवसर पर कमल हासन द्वारा यह दावा किए जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया कि तमिल से कन्नड़ भाषा का जन्म हुआ।

कन्नड़ समर्थक संगठनों में पैदा किया आक्रोश

इस टिप्पणी ने कई कन्नड़ समर्थक संगठनों में आक्रोश पैदा कर दिया है। इन समूहों ने राज्य के विभिन्न हिस्सों जैसे बेलगावी, मैसूर, हुबली, बेंगलुरु आदि में हासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कर्नाटक के सबसे मुखर कन्नड़ संगठनों में से एक कर्नाटक रक्षण वेदिके (केआरवी) ने अब हासन की फिल्मों का पूरे कर्नाटक में बहिष्कार करने की धमकी दी है, जब तक कि वह बिना शर्त माफ़ी नहीं मांगते। पत्रकारों से बात करते हुए गौड़ा ने कहा कि कमल हासन को हमारी भाषा का अपमान करने के लिए कर्नाटक के लोगों से बिना शर्त माफ़ी मांगनी चाहिए। जब तक वह ऐसा नहीं करते, हम राज्य में कहीं भी उनकी फिल्में प्रदर्शित नहीं होने देंगे। यह सिर्फ़ एक टिप्पणी के बारे में नहीं है - यह कन्नड़ और कन्नड़ लोगों की पहचान का सम्मान करने के बारे में है। हम उनसे अपनी गलती सुधारने और कन्नड़ पर चुप रहने का आग्रह करते हैं।

कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने भी व्यकित की निराशा

विवाद पर राजनीतिक हलकों से भी प्रतिक्रियाएं आईं। कर्नाटक के कांग्रेस विधायक रिजवान अरशद ने हासन की टिप्पणी पर निराशा व्यक्त करते हुए इसे दुर्भाग्यपूर्ण बताया। यह किस तरह की बहस है? कन्नड़ भाषा का इतिहास हज़ारों साल पुराना है... कन्नड़ और तमिल प्राचीन भाषाएं हैं और हमारे देश की नींव का हिस्सा हैं... क्या यह बहस ऐसे समय में ज़रूरी है जब हम सभी को एकजुट होना है? ... मुझे उम्मीद नहीं थी कि कमल हासन ऐसा बयान देंगे। यह दुर्भाग्यपूर्ण है, इस बीच, डीएमके प्रवक्ता टीकेएस एलंगोवन ने विवाद को भड़काने के लिए भाजपा को दोषी ठहराया और आरोप लगाया कि पार्टी ऐतिहासिक संदर्भों को अपमानजनक रूप से पेश करके लोगों को विभाजित कर रही है। उन्होंने हसन का बचाव करते हुए कहा कि किसी भाषा का श्रेय इस बात पर आधारित होता है कि उसका उपयोग कैसे किया जा रहा है, न कि यह कि वह कैसे पैदा हुई, उन्होंने तर्क दिया कि उनकी टिप्पणी व्यक्तिगत राय के बजाय एक ऐतिहासिक उद्धरण थी।

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