गर्मियों में लौंग (Clove) खाना कितना सुरक्षित और लाभदायक है, इसे लेकर लोगों के मन में अक्सर सवाल उठते हैं। आयुर्वेद में लौंग को एक शक्तिशाली औषधि माना गया है जो एंटीऑक्सीडेंट और एंटीसेप्टिक गुणों से भरपूर होती है। मगर हालिया रिसर्च बताती है कि गर्मियों में इसका अत्यधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदायक भी साबित हो सकता है। गर्म तासीर वाला यह मसाला शरीर का तापमान बढ़ा सकता है, जिससे कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
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गर्मियों के मौसम में लौंग सीमित मात्रा में लेने से पाचन क्रिया बेहतर होती है। यह अपच, गैस और ब्लोटिंग जैसी समस्याओं में राहत देती है। इसके अलावा, लौंग के एंटीऑक्सीडेंट गुण त्वचा को तेज़ धूप से होने वाले नुकसान से बचाते हैं और उम्र के असर को धीमा करते हैं। मुँह के छालों में लौंग का तेल लगाने से तुरंत राहत मिलती है। लौंग में मौजूद यूजेनॉल (Eugenol) दांत दर्द में भी असरकारक होता है और बैक्टीरियल संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
गर्मियों में लौंग की तासीर शरीर की आंतरिक गर्मी को बढ़ा सकती है। इसका अत्यधिक सेवन पेट में जलन, एसिडिटी और डिहाइड्रेशन का कारण बन सकता है। विशेषकर जिनकी पाचन शक्ति कमजोर है या जो पहले से गर्म तासीर की चीज़ों से बचते हैं, उन्हें गर्मियों में लौंग का सेवन नियंत्रित रखना चाहिए। इसके अलावा, लौंग ब्लड थिनिंग का असर करती है, जिससे खून का बहाव अधिक हो सकता है और मामूली चोट भी गंभीर रूप ले सकती है।
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लौंग का अधिक मात्रा में सेवन लीवर और किडनी पर बुरा असर डाल सकता है। यूजेनॉल की अधिक मात्रा इन अंगों के कार्य पर नकारात्मक प्रभाव डालती है, जिससे लंबे समय तक सेवन करने पर अंगों की कार्यक्षमता घट सकती है। वहीं, मधुमेह के मरीज़ों को लौंग सावधानी से लेनी चाहिए क्योंकि यह रक्त में शुगर के स्तर को तेजी से घटा सकती है। गर्मियों में इसका अत्यधिक सेवन हॉर्मोनल असंतुलन और थकान की समस्या भी उत्पन्न कर सकता है।
गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं और छोटे बच्चे लौंग के सेवन से बचें। इनके लिए लौंग की गर्म तासीर नुकसानदायक हो सकती है। साथ ही, जो लोग पहले से ब्लड थिनिंग मेडिकेशन पर हैं, उन्हें लौंग डॉक्टर की सलाह के बिना नहीं लेनी चाहिए। यह दवाओं के प्रभाव को बढ़ा सकती है और अनियंत्रित रक्तस्राव का खतरा बना सकती है।
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