महिलाओं की सेक्स लाइफ के लिए फायदेमंद है केसर (केसर)। यह न केवल मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है बल्कि कामेच्छा (कामेच्छा) को भी बढ़ाता है। आज की तेज़ रफ्तार ज़िंदगी और दोहरी जिम्मेदारियों के बोझ तले दब चुकी महिलाएं अक्सर तनाव और थकावट की शिकार होती हैं, जिसका सीधा असर उनकी यौन इच्छाओं और सेक्सुअल हेल्थ पर पड़ता है। लेकिन केसर का नियमित और संतुलित सेवन इस स्थिति को बदल सकता है। एक्सपर्ट्स की मानें तो केसर एक ऐसा प्राकृतिक तत्व है, जो महिलाओं की सेक्स लाइफ को नई ऊर्जा देने में सक्षम है।
डायटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी के अनुसार, केसर में मौजूद बायोएक्टिव कंपाउंड्स महिलाओं की लिबिडो (Libido) को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। तनाव की वजह से अक्सर महिलाएं यौन संबंध बनाने में रुचि नहीं रखतीं। यह स्थिति आगे चलकर रिश्तों में खटास तक ला सकती है। केसर तनाव को कम करने में मदद करता है, जिससे मानसिक स्थिति में सुधार होता है और यौन संबंधों के प्रति रुझान बढ़ता है।
शारीरिक संबंध स्थापित करने की इच्छा तब ही प्रबल होती है जब व्यक्ति का मूड सही हो। खासकर महिलाओं के लिए मूड एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। अगर महिला चिड़चिड़ी, थकी हुई या तनावग्रस्त है, तो वह यौन क्रिया से दूरी बना सकती है। केसर का सेवन मूड को नैचुरली एन्हैंस करता है। इसमें मौजूद तत्व जैसे क्रोसिन और सफ्रानल, मूड स्विंग्स को कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। इससे महिलाएं मानसिक रूप से यौन क्रिया के लिए तैयार महसूस करती हैं।
केसर का असर केवल मानसिक स्तर तक सीमित नहीं है, यह शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को भी बेहतर बनाता है। खासकर पेल्विक एरिया में ब्लड फ्लो के बढ़ने से योनि में नेचुरल लुब्रिकेशन (स्नेहन) में भी इजाफा होता है। यह लुब्रिकेशन महिलाओं के लिए यौन क्रिया को सहज और सुखद बनाता है। इस तरह केसर एक प्रभावी लव बूस्टर की भूमिका निभा सकता है।
महिलाओं की यौन हेल्थ पर ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस (ऑक्सीडेटिव तनाव) का भी गंभीर प्रभाव पड़ता है। यह एक जैविक प्रक्रिया है जो उम्र बढ़ने, तनाव और खराब जीवनशैली की वजह से तीव्र हो जाती है। इसका असर हार्मोनल बैलेंस, एनर्जी लेवल और यहां तक कि प्रजनन क्षमता पर भी पड़ सकता है। केसर में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स इस स्ट्रेस को कम करने में कारगर हैं। विशेष रूप से क्रोसिन और सफ्रानल शरीर की कोशिकाओं को डैमेज से बचाते हैं और यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
भारत में पारंपरिक रूप से केसर का उपयोग मासिक धर्म को नियमित (मासिक धर्म विनियमन) करने के लिए भी किया जाता रहा है। अनियमित पीरियड्स, पेट दर्द, ऐंठन और थकावट जैसी समस्याएं यौन जीवन को प्रभावित करती हैं। केसर के नियमित सेवन से न केवल मासिक धर्म संतुलित होता है बल्कि पीरियड्स के दौरान होने वाली परेशानी भी कम हो जाती है। जब महिलाओं को अपने शरीर के प्राकृतिक चक्र पर नियंत्रण महसूस होता है, तो उनका यौन आत्मविश्वास भी बढ़ता है।
हालांकि केसर एक नैचुरल और सेफ विकल्प है, लेकिन इसका सेवन सीमित मात्रा में और सही तरीके से करना जरूरी है। आमतौर पर एक गिलास गर्म दूध में कुछ धागे केसर मिलाकर पीने से इसके फायदे मिलते हैं। लेकिन हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति अलग होती है, इसलिए किसी भी तरह के रूटीन की शुरुआत करने से पहले विशेषज्ञ की सलाह लेना उचित होता है।
केसर सिर्फ यौन स्वास्थ्य ही नहीं, बल्कि ओवरऑल फिजिकल और मेंटल हेल्थ को भी बेहतर बनाता है। यह तनाव, अवसाद, थकावट, नींद की कमी जैसी समस्याओं में राहत देता है जो सभी सेक्सुअल फंक्शन को प्रभावित करते हैं। इसलिए यदि कोई महिला अपने यौन जीवन में कमी या असंतोष महसूस कर रही है, तो केसर एक सरल लेकिन प्रभावशाली समाधान हो सकता है।