हिसार : जिले में 25 घायलों को किया गया रेस्कयू, उपचार में जुटी टीमें
Udaipur Kiran Hindi June 01, 2025 02:42 AM

जिले में द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल ऑपरेशन शील्ड अभ्यास आयोजित हिसार, 31 मई . जिला प्रशासन की ओर से शनिवार को ऑपरेशन शील्ड नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत द्वितीय सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया. यह मॉक ड्रिल सायं पांच बजे लघु सचिवालय परिसर स्थित एसडीएम कार्यालय में शुरू हुई. जिला का कंट्रोल रूप लघु सचिवालय के भू-तल पर स्थापित किया गया था, जिसका दूरभाष नंबर 01662-231137 रखा गया. जिला मुख्यालय का स्टेजिंग जिला सचिवालय के पीछे वन स्टॉप सेंटर के साथ लगती पार्किंग में स्थापित किया गया है. मॉक ड्रिल के लिए एसडीएम कार्यालय को चयनित किया गया. हॉट लाइन पर सूचना मिलते ही सायरन बजाया गया. दुर्घटना की जानकारी मिलते ही सभी एमरजेंसी सेवाएं सर्च एंड रेस्कयू के लिए एसडीएम कार्यालय हिसार पर पहुंची तथा सभी नोडल अधिकारियों ने स्टेजिंग एरिया में पहुंचकर स्टेजिंग एरिया मैनेजर को रिपोर्ट किया. सायरन उपरांत दुर्घटना स्थल से 25 घायल नागरिकों का रेस्कयू किया गया. इनमें से सासात को प्राथमिक उपचार देकर भेज दिया गया. अन्य घायलों को महाराजा अग्रसेन नागरिक अस्पताल और सपरा अस्पताल पहुंचाया गया. इनमें से इलाज के दौरान दो नागरिकों की मृत्यु हो गई. घायल नागरिकों के लिये 30 युनिट रक्त की आवश्यकता पड़ी. दुर्घटना के दौरान दमकल विभाग द्वारा दो फायर बिग्रेड गाडिय़ों से आगजनी व ऊंचे स्थान पर फसें लोगों को निकालने का कार्य किया गया. गम्भीर स्थिति में फसे लोगों को बचाने के लिए जेसीबी मशीन व बड़े आयरन कटर का उपयोग किया गया. हॉटलाइन पर एयर रेड क्लियर होने सूचना मिलने पर दोबारा से ऑल क्लियर सायरन बजाकर लोगों को सूचित किया गया. एसडीएम ज्योति मित्तल ने बताया कि रात्रि के समय 8 बजे से 08:15 तक पूर्णत: ब्लैकआउट किया गया.एसडीएम ज्योति मित्तल की अगुवाई में यह अभ्यास सुनियोजित ढंग से संपन्न हुआ, जिसका मुख्य उद्देश्य आपदा की स्थिति में जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित करना रहा. उन्होंने बताया कि गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा निर्देशित इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य जिला में आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र की मजबूती व नागरिक सुरक्षा प्रणाली की तैयारियों की जांच करना है. एसडीएम ने बताया कि निर्धारित समय पर सायरन बजते ही सभी चिन्हित स्थानों पर मॉक ड्रिल की प्रक्रिया शुरू हो गई और भवनों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया. इसके पश्चात अधिकारियों की डी-ब्रीफिंग की गई. मॉक ड्रिल के दौरान एसडीआएफ के सभी उपकरण सही प्रकार से क्रियान्वित मिले. फायर ब्रिगेड और एंबुलेंस का रिस्पांस टाइम भी सही रहा.एसडीएम ज्योति मित्तल ने आमजन को सहयोग के लिए धन्यवाद करते हुए कहा कि किसी भी आपात स्थिति की पूर्व तैयारी अत्यंत आवश्यक है. मॉक ड्रिल के माध्यम से लोगों को यह जानकारी दी गई कि किसी भी आपदा की स्थिति में तुरंत सुरक्षित स्थान की पहचान करें, लाइट बंद करें और निर्धारित समय में एकत्रित हों. इस तरह की ड्रिल नागरिकों को आपातकालीन स्थितियों से निपटने के लिए तैयार करती हैं. लोगों को बताया गया कि ब्लैक आउट के दौरान घरों और कार्यालयों की बिजली बंद रखें और मोबाइल या एलईडी डिवाइसों का खिड़कियों के पास प्रयोग न करें. इस मॉक ड्रिल में हॉटलाइन कंट्रोल रूम, फायर ब्रिगेड, एम्बुलेंस और संचार साधनों की भी सक्रियता सुनिश्चित की गई.इस अवसर पर नगर निगम के संयुक्त आयुक्त प्रीतपाल सिंह, नगराधीश हरिराम, तहसीलदार रामनिवास भादू, तहसीलदार अनिल कुमार, सिविल सर्जन डॉ. सपना गहलावत, डिप्टी सिविल सर्जन डॉ. सुभाष खतरेजा, कार्यकारी अभियंता जतिन खुराना, कार्यकारी अभियंता बलकार रेड्डू सहित अन्य अधिकारियों ने समीक्षा बैठक कर आपदा प्रबंधन तैयारियों की विस्तार से चर्चा की. एसडीएम ने बताया कि राज्य सरकार ने आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत प्रतिक्रिया प्रणाली को औपचारिक रूप से लागू किया है, जिससे आपदा के समय प्रभावी निर्णय लिए जा सकें और भ्रम की स्थिति न बने.

/ राजेश्वर

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