सांसद हनुमान बेनीवाल की मांग ने बड़ाई भजनलाल सरकार की मुश्किलें! पीएम मोदी के मंत्री ने माँगा जवाब, जानिए क्या है मामला ?
aapkarajasthan June 03, 2025 05:42 AM

राजस्थान के सरिस्का और नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्रों में अवैध व्यावसायिक गतिविधियों के खिलाफ केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल की मांग पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार से इन अभ्यारण्यों में हो रही अनियमितताओं पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। सांसद बेनीवाल ने लोकसभा के बजट सत्र में सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी के निर्देशों की अवहेलना कर अभ्यारण्यों के नक्शे बदलकर होटल मालिकों और खनन संचालकों को लाभ पहुंचाने का गंभीर आरोप लगाया था। उन्होंने इस मुद्दे को केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के जवाब के साथ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। 

वनों में चल रहे खेल को उजागर किया
राजस्थान के अलवर स्थित सरिस्का अभ्यारण्य तथा जयपुर स्थित नाहरगढ़ अभ्यारण्य का नक्शा बदलकर होटल मालिकों व खान संचालकों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से सरकार के संरक्षण में अधिकारियों द्वारा शुरू किए गए खेल के संबंध में मैंने बजट सत्र के दौरान लोकसभा में मुद्दा उठाया था तथा वनों व वन्यजीवों के संरक्षण की मांग की थी, क्योंकि माननीय सर्वोच्च न्यायालय व एनजीटी के निर्देशों के बावजूद इन अभ्यारण्यों के इको सेंसिटिव जोन में व्यावसायिक गतिविधियां संचालित की जा रही हैं, लेकिन राजस्थान सरकार व जिम्मेदार अधिकारी सिर्फ नोटिस जारी करके संतुष्ट हो रहे हैं। 

मंत्री का पत्र
अलवर के सिलीसेढ़ क्षेत्र में एक दर्जन से अधिक तथा अजबगढ़-जमवारामगढ़ रेंज में एक दर्जन से अधिक होटल चल रहे हैं, जो सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय व निर्देशों की खुलेआम अवहेलना कर रहे हैं। लोकसभा में मेरे द्वारा उठाई गई इस मांग पर केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने मुझे पत्र भेजकर अवगत कराया है कि भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राजस्थान सरकार के वन विभाग के एसीएस से इस मामले में पूरी रिपोर्ट मांगी है तथा राजस्थान सरकार को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं।

एसीएस को लिखा पत्र सीएम भजनलाल शर्मा से की गई यह मांग मैं राज्य के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मांग करता हूं कि इस मामले का संज्ञान लेकर राजस्थान के दोनों अभ्यारण्य क्षेत्रों को बचाने के लिए प्रतिबंधित क्षेत्र में संचालित की जा रही व्यावसायिक गतिविधियों को रोका जाए तथा उन पर आर्थिक जुर्माना लगाया जाए तथा आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। साथ ही, राजस्थान के अलवर स्थित सरिस्का तथा जयपुर स्थित नाहरगढ़ अभ्यारण्य क्षेत्र का नक्शा उद्योगपतियों एवं खनन माफियाओं को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं बदला जाए। 

डोल का बारह का मुद्दा भी उठाया गया
इन दो मुद्दों के साथ ही मैं राजस्थान सरकार से मांग करता हूं कि दक्षिण जयपुर के डोल का बारह क्षेत्र में प्रस्तावित पीएम यूनिटी मॉल के लिए करीब 2500 पेड़ों को काटे जाने के खिलाफ लोग आंदोलन कर रहे हैं, यह आंदोलन प्रकृति के संरक्षण के लिए किया जा रहा है, इसलिए डोल का बारह को संरक्षित किया जाना चाहिए और यहां प्रस्तावित परियोजना के नाम पर पेड़ों को नहीं काटा जाना चाहिए। हमें पर्यावरण और प्रकृति को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करने की जरूरत है।

© Copyright @2025 LIDEA. All Rights Reserved.