बिहार के वैशाली जिले के चकसिकंदर मंसूरपुर गांव से एक बेहद अनोखा और विवादित मामला सामने आया है, जिसने इलाके में चर्चा का विषय बन गया है। शादी के बाद भी प्यार संभव है या नहीं, इस सवाल पर यह केस अपने आप में एक अलग मिसाल पेश करता है। यहां तीन बच्चों की मां पारो देवी को गांव वालों ने आपत्तिजनक हालत में उसके प्रेमी रूपेश राम के साथ पकड़ लिया। इस घटना के बाद जो हुआ, वह किसी फिल्मी कहानी से कम नहीं था।
घटना का विवरणगांव के लोगों ने पारो देवी को उसके प्रेमी रूपेश राम के साथ बेडरूम में देखा तो हंगामा मच गया। ग्रामीणों के विरोध के बाद रूपेश ने पंचायत बुला ली, जिसमें पारो का पति रमेश राम भी मौजूद था। पंचायत में रूपेश ने पारो देवी की मांग में सिंदूर भर दिया और फिर उसे अपने घर लेकर चला गया। इस दौरान रमेश राम खड़े-खड़े पूरी वारदात देखता रहा और उसने कहा कि उसे इस शादी से कोई आपत्ति नहीं है, वह पारो को रूपेश के साथ रहने देगा, लेकिन बच्चों को वह अपने पास रखना चाहता है।
पति रमेश राम का बड़ा फैसलारमेश राम की प्रतिक्रिया लोगों को हैरान कर गई। उन्होंने बताया कि रूपेश पहले भी कई महिलाओं को प्रेम जाल में फंसाता रहा है और उनका अफेयर दो साल से चल रहा था। तीन साल पहले पारो और रूपेश की पहली मुलाकात हुई थी। पंचायत के सामने रूपेश ने पारो की मांग भर दी है और रमेश ने हंसते-हंसते उसे विदा किया। रमेश ने कहा कि उनका परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है, इसलिए बच्चे उनके पास रहेंगे। यह फैसला पारिवारिक मजबूरियों और बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर लिया गया है।
पारो देवी और रूपेश राम का कथनपारो देवी ने इस पूरे मामले को स्वीकार किया है। उन्होंने बताया कि उनके तीन बच्चों में सबसे छोटा बेटा रूपेश का है। इस बात पर रूपेश ने भी सहमति जताई है। रूपेश ने कहा कि उनका पारो के साथ दो साल से अफेयर चल रहा था और उसने पारो को 20 से 30 हजार रुपए तक दिए थे। उन्होंने यह भी बताया कि पारो उनके रिश्ते में उनकी आंटी जैसी लगती हैं और दोनों का घर मात्र आधा किलोमीटर की दूरी पर है। नजदीकियों के कारण उनका रिश्ता गहरा हो गया और अफेयर शुरू हुआ।
पूरे इलाके में चर्चा का विषययह मामला गांव में बड़े पैमाने पर चर्चित हो गया है। पारो और रूपेश की शादी ने समाज के पारंपरिक मान्यताओं को चुनौती दी है। पति का प्रेम और बलिदान, पत्नी का नया रिश्ता और प्रेमी का दावा—यह सभी पहलू इस मामले को बेहद खास बनाते हैं। पंचायत में हुई इस अनोखी शादी ने गांव के लोगों के बीच कई तरह के सवाल खड़े कर दिए हैं।
निष्कर्षवैवाहिक रिश्तों और प्रेम के बीच के इस अनोखे समीकरण ने समाज को सोचने पर मजबूर कर दिया है। कहीं यह मामला बदलते रिश्तों का परिचायक है या फिर सामाजिक संरचनाओं की जटिलताओं का प्रतिबिंब, यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा। फिलहाल, तीन बच्चों की मां के इस नए जीवन और पति के बलिदान की कहानी इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है, जो पारंपरिक सोच को चुनौती देती नजर आ रही है।