कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां एक नेपाली दंपत्ति और उनके तीन अन्य साथियों ने मिलकर एक व्यवसायी के घर में लाखों की चोरी कर डाली। घटना ने न केवल लोगों को हैरान कर दिया है, बल्कि घर में काम करने वाले नौकरों पर विश्वास को भी झटका दिया है।
यह घटना बेंगलुरु के एचएएल थाना क्षेत्र के लाल बहादुर शास्त्री नगर की है। यहां के निवासी एस. रमेश बाबू, जो कि एक व्यवसायी होने के साथ-साथ एक राजनीतिक दल से भी जुड़े हुए हैं, अपने परिवार के साथ तिरुपति दर्शन के लिए गए हुए थे। इसी दौरान उनके घर में चोरी की वारदात को अंजाम दिया गया।
काम के बहाने घर में घुसे थे नेपाली दंपत्तिचोरी की इस वारदात को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी राज और दीपा नामक नेपाली दंपत्ति हैं, जो पिछले तीन महीने से रमेश बाबू के घर में घरेलू नौकर के रूप में काम कर रहे थे।
इन तीन महीनों में उन्होंने धीरे-धीरे घरवालों का विश्वास जीत लिया और घर की हर गतिविधि और सामान की जानकारी इकट्ठा कर ली। उन्होंने चोरी के लिए ऐसे समय को चुना जब पूरा परिवार बाहर गया हुआ था, ताकि किसी को शक न हो।
27 मई को मौका पाकर तोड़ा दरवाज़ा, उड़ाए कीमती सामानरिपोर्ट्स के मुताबिक, 27 मई को रमेश बाबू अपने परिवार के साथ तिरुपति चले गए थे। इसी दिन नेपाली दंपत्ति ने अपने तीन साथियों के साथ मिलकर पहले घर का मुख्य दरवाजा तोड़ा, फिर बेडरूम का ताला तोड़कर 2 किलो सोना, 10 लाख रुपये नकद और एक लाइसेंसी पिस्तौल चुरा ली।
घटना के बाद सभी आरोपी फरार हो गए।
चोरी का पता दोस्तों और पड़ोसियों ने दिया28 मई की सुबह रमेश बाबू ने अपने मोबाइल फोन से घर के सीसीटीवी कैमरे को चेक किया तो वह बंद मिला। उन्हें लगा कि बिजली की कटौती के कारण कैमरा बंद हुआ होगा।
लेकिन बाद में जब पड़ोसियों ने फोन कर बताया कि घर के आसपास कुछ अजीब सा माहौल है, तो रमेश बाबू ने अपने दोस्तों को घर भेजा। घर पहुंचने पर चोरी की घटना का खुलासा हुआ।
पुलिस में शिकायत, जांच तेजरमेश बाबू की शिकायत पर एचएएल पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस को शक है कि यह चोरी पूरी तरह से योजनाबद्ध और संगठित तरीके से की गई है।
व्हाइटफील्ड डिवीजन के पुलिस उपायुक्त शिवकुमार गुनारे ने बताया कि घटना की जांच की जा रही है और बीएनएस (भारतीय न्याय संहिता) की धारा 306 के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
पुलिस ने आरोपियों की तलाश के लिए एक विशेष टीम भी गठित की है। सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल्स और सीमावर्ती क्षेत्रों की जांच की जा रही है, ताकि अपराधियों को जल्द से जल्द पकड़कर कानून के हवाले किया जा सके।
समाज में भरोसे को लगा झटकाइस घटना ने एक बार फिर से साबित कर दिया है कि घरेलू कामगारों की सही पृष्ठभूमि जांच करना कितना जरूरी है। नेपाली दंपत्ति ने जिस तरह से विश्वास का दुरुपयोग कर चोरी की वारदात को अंजाम दिया, उसने कई परिवारों को सतर्क कर दिया है।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि वे घर में किसी भी नौकर को रखने से पहले उसका पुलिस वेरिफिकेशन और पहचान पत्र जांचें, ताकि ऐसे अपराधों से बचा जा सके।
निष्कर्षबेंगलुरु में हुई यह चोरी केवल एक आर्थिक नुकसान नहीं, बल्कि विश्वास और सुरक्षा व्यवस्था पर भी एक करारा प्रहार है। उम्मीद है कि पुलिस जल्द ही इन आरोपियों को पकड़कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाएगी और बाकी समाज के लिए यह एक सावधानी का संदेश बनेगा।